Genda Phool Importance: धार्मिक कार्यों में शुभ माना जाता है गेंदे का फूल, पूजा-पाठ में जरूर करें प्रयोग
Genda Phool Importance: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान देवी-देवातओं को फूल जरूर चढ़ाए जाते हैं। पूजा-पाठ से लेकर तीज त्योहारों में गेंदा फूल का सबसे अधिक महत्व होता है। मान्यता है कि इस फूल का प्रयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
क्या है पूजा में गेंदा फूल चढ़ाने का महत्व
- तोरण और वंदनवार के रूप में मुख्यद्वार पर लगाया जाता है गेंदे का फूल
- गेंदा फूल के केसरिया रंग का हिंदू धर्म में माना जाता है शुभ
- पूजा-पाठ से लेकर सजावट के लिए भी गेंदे के फूल का किया जाता है प्रयोग
पूजा पाठ के अलावा घर के मुख्य द्वार पर तोरण के साथ गेंदे का फूल भी लगाया जाता है। मान्यता है कि पूजा में गेंदे का फूल प्रयोग करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं। वहीं घर से मुख्य द्वार पर गेंदा फूल की माला लगाने से मां लक्ष्मी का वास होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं। जानते हैं गेंदा फूल के महत्व और इससे जुड़ी जरूरी बातें।
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ऐसे करें पूजा में प्रयोग
- भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय होता है। नियमित पूजा में भगवान विष्णु को गेंदा फूल या इसकी माला अर्पित करने से संतान संबंधी समस्याएं दूर होती है।
- भगवान गणेश को भी गेंदा फूल प्रिय है। गणेश जी को गेंदा फूल चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को हमेशा ताजे गेंदा फूल ही पूजा में चढ़ाएं।
- भगवान को वही गेंदा फूल चढ़ाएं जो पौधे से तोड़े गए हों। नीचे गिरे हुए गेंदा फूल को पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए।
पूजा में गेंदा फूल चढ़ाने का महत्व
गेंदा फूल दिखने में बेहद खूबसूरत होता है। वहीं इसका केसरिया और पीला रंग हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। यही कारण है कि सभी पूजा-पाठ, व्रत और तीज-त्योहारों में गेंदा फूल का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है। गेंदा फूल अपनी पत्तियों से ही अंकुरित हो जाता है और इसकी पत्तियां एक बीज के सहारे आपस में जुड़ी होती है जोकि आपस में जुड़कर रहने का महत्व बताती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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