Shivratri June 2023: मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और महत्व यहां जानें

Masik Shivratri June 2023: मासिक शिवरात्रि व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है। 16 जून को आषाढ़ शिवरात्रि व्रत (Shivratri Vrat) रखा जाएगा। जानिए इस शिवरात्रि की पूजा विधि (Shivratri Puja Vidhi) और महत्व।

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Masik Shivratri 2023 Date And Muhurat

Masik Shivratri June 2023: प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) की तरह ही मासिक शिवरात्रि व्रत भी भगवान शिव को समर्पित है। हर महीने में एक शिवरात्रि आती है। इस तरह से एक साल में कुल 12 शिवरात्रि पड़ती हैं। साल में आने वाली सभी शिवरात्रियों में से महा शिवरात्रि और सावन शिवरात्रि का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है तो वहीं सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2023) श्रावण मास (Sawan Month 2023) में आती है। 16 जून को आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि पड़ रही है। जानिए इस शिवरात्रि का महत्व और पूजा विधि।

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मासिक शिवरात्रि का महत्व (Masik Shivratri Significance)

हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी मनोमनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है। जो कन्याएं मनोवांछित वर पाना चाहती हैं उनके लिए भी ये व्रत फलदायी माना जाता है।

Masik Shivratri Vrat Katha In Hindi

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि (Masik Shivratri Vrat Vidhi)

  • मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें।
  • इसके बाद शिव परिवार की पूजा करें।
  • इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से जरूर करें।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल जरूर चढ़ाएं।
  • इस दिन शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें।
  • पूरे दिन अन्न ग्रह न करें आप चाहें तो फल का सेवन कर सकते हैं।
  • फिर अगले दिन भगवान शिव की फिर से पूजा करें और दान आदि करके अपना उपवास खोलें।

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा (Masik Shivratri Vrat Katha)

पौराणिक कथाओं अनुसार देवों के देव महादेव महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के समय शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। उस दिन से लेकर आज तक हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मीं, सीता, पार्वती, सरस्वती, गायत्री तथा रति जैसी देवियों ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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