Mauni Amavasya 2023 Date, Puja Muhurat: मौनी अमावस्या पर संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब, शनि अमावस्या पर करें ये उपाय
Mauni Amavasya 2023 Date, Puja Muhurat: मौनी अमावस्या पर संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब, शनि अमावस्या पर करें ये उपाय
Mauni Amavasya 2023 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List in Hindi: मौनी अमावस्या को माघ अमावस्या (Magh Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है। वैसे को हर महीने में अमावस्या तिथि पड़ती है लेकिन माघ महीने में आने वाली मौनी अमावस्या का खास महत्व होता है। जब भी कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या (Shanichari Amavasya 2023) कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन जो कोई भी इंसान अपने पूर्वजों और पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म करते हैं उनके पितृ गणों की आत्माएं तृप्त होकर उस व्यक्ति को सुखी, धन-धान्य पूर्ण जीवन का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
मौनी अमावस्या 2023 मुहूर्त (Mauni Amavasya 2023 Muhurat):
मौनी अमावस्या 2023- 21 जनवरी 2023
प्रांरभ समय- सुबह 6 बजकर 19 मिनट
अंत समय- 22 जनवरी 2023 रात 2 बजकर 25 मिनट पर
माघ मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Mahatva):
शास्त्रों में माघ अमावस्या (Magh Amavasya) के दिन मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है। चंद्रमा जो मन का कारक है अमावस्या तिथि के दिन वो आकाश में नहीं दिखाई देता है। इसलिए इस दिन मन की स्थिति कमजोर रहती है। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत करने से मन को संयम रखने का विधान निर्धारित किया गया है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन मौन रहकर लोग व्रत रखते हैं और पवित्र नदियों जलाशय और कुंड में स्नान करते हैं। मान्यता है ऐसा करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
मौनी अमावस्या पर क्या करें (What To Do On Mauni Amavasya): इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करें। अगर ये संभव न हो तो नहाने के पानी में ही थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर व्रत का संकल्प लें। इस दिन मौन रहकर व्रत करना ज्यादा फलदायी माना जाता है। इस दिन जरूरतमंदों को दान जरूर दें। दान में आप चाहे तो अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी दे सकते हैं। इस दिन गौ-दान, स्वर्ण दान या भूमि दान का विशेष महत्व बताया गया है।
शनि अमावस्या पर करें ये उपाय
शनि मंदिर में जाकर शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं और नियमित रूप से 11 छाया दान करें। शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करें।शनि से जुड़ी चीजों का दान करें।मौनी अमावस्या पर संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब
संगम की रेती पर लगे माघ मेले का तीसरा और सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।मां लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें
कहा जाता है कि मौनी अमावस्या पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके साथ अमावस्या तिथि पर पीपल के पेड़ पर तिल और जल चढ़ाने के साथ सरसों के तेल का दीपक भी जलाना चाहिए। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए यहां देखें श्री लक्ष्मी चालीसा पाठ।4 राजयोग में मनेगी मौनी अमावस्या
मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों की शुभ स्थिति होने से हर्षण, भारती, सत्कीर्ति और वरिष्ठ नाम के दुर्लभ राजयोग बन रहे हैं। हर्षण योग - 20 जनवरी 06.58 - 21 जनवरी 02.35 मिनट तक रहेगा।मौनी अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप (Mauni Amavasya 2023 Mantra)
स्नान मंत्र- ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः।। पवित्र स्नान मंत्र- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।गंगा जल बन जाता है अमृत
ऐसा कहा जाता है कि मौनी आमवस्या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन अगर आप व्रत रख रहे हैं तो प्रात उठ कर सबसे पहले स्नान करें और फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें।माघ अमावस्या व्रत और नियम इस प्रकार हैं
मौनी अमावस्या के दिन सुबह उठ कर नदी, स मौन रहना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं।यदि धन से संपन्न हैं तो गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान कर सकते हैं। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव होन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।शनिश्चरी अमावस्या का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माघ माह के मौनी अमावस्या पर गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने वाले साधक को अमृत के गुण प्राप्त होते हैं। अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या और सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में ये कार्य करने से सात पीढ़ी के पूर्वज तप्त हो जाते हैं। इस अमावस्या पर व्रत रहने के साथ श्राद्ध कर्म और दान करने से कालसर्प, पितृदोष और दुख-दरिद्रता दूर होती है। साथ ही इससे शनि की साढ़ेसाती और के ढैय्या का असर भी कम होती है।Mauni Amavasya 2023: भगवान विष्णु को प्रिय है अमावस्या की तिथि
अमावस्या की तिथि श्री हरि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने व मंत्रों का जप करने से धन प्राप्ति के मार्ग में वृद्धि होती है तथा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।Mauni Amavasya 2023: सकारात्मक शक्तियों का वास
मौनी अमावस्या की रात को चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करने से घर में सकारात्मक शक्तियों का वास होता है और नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है। तथा घर परिवार की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।Mauni Amavasya 2023: श्री हरि के जप से मिलता है पुण्य
पौराणिक ग्रंथों में मौनी अमावस्या को लेकर कहा गया है कि होठों से प्रभु के नाम का जप करने से जितना पुण्य प्राप्त नहीं होता, उससे कई गुना अधिक फल मन में श्रीहरि के नाम का जप करने से मिलता है।Mauni Amavasya 2023: सात्विक भोजन करें ग्रहण
मौनी अमावस्या की एक रात पहले सात्विक भोजन ग्रहंण करें, भूलकर भी मांस, मदिरा का सेवन ना करें अन्यथा आपका व्रत व्यर्थ जा सकता है।Mauni Amavasya 2023: मिलता है मनोवांछित फल
मौनी अमावस्या के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।Mauni Amavasya 2023: धारण करके रखें मौन
शास्त्रों के अनुसार स्नान के बाद किसी पात्र व्यक्ति या ब्राह्मणों को तिल, गुड़, कंबल आदि दान करने से समस्त पापों का नाश होता है तथा सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन ध्यान रहे दान करने से सवा घंटे पहले तक मौन धारण करके रखें।Mouni Amavasya 2023: काला तिल डालकर करें स्नान
मौनी अमावस्या के दिन नहाने वाले जल में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए। इससे श्रीहरि भगवान विष्णु का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।Mouni Amavasya 2023: मछलियों को खिलाएं आटे की गोलियां
मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर आंटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य को सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और बड़ी से बड़ी मुसीबतों का अंत हो जाता है।मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का सही समय
पंचांग के अनुसार, 21 जनवरी को सुबह 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट के बीच स्नान और दान का शुभ मुहूर्त है। इस शुभ मुहूर्त में आप गंगा स्नान करके दान कर सकते हैं।माघ मेला 2023 की तीसरा स्नान कल
मौनी अमावस्या पर यानी 21 जनवरी 2023 में प्रयागराज माघ मेला में प्रमुख स्नान रहेगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ये दिन स्नान दान के लिए सबसे विशेष माना जाता है।मौनी अमावस्या पूजा विधि (Mauni Amavasya Puja Vidhi/Vrat Vidhi)
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें।
- इसके बाद गंगा नदी में या आसपास किसी नदी में स्नान करें। अगर नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- पवित्र जल में स्नान करते समय ये मंत्र बोलें- ‘गंगा च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन संनिधिम कुरु ||’
- स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
- इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ मौन रहने का संकल्प लें।
- इस दिन तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा करें।
- पूजा-पाठ के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
- मौनी अमावस्या पर वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग का दान करना शुभ माना जाता है।
- अगर संभव हो तो इस दिन गौ दान, स्वर्ण दान और भूमि दान करें।
- इस दिन पितरों का स्मरण करें। पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या पर क्यों रहते हैं मौन?
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखना फलदाई होता है। लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस दिन मौन क्यों रहना चाहिए? ज्योतिष शास्त्र अनुसार सूर्य को आत्मा तो चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। मन चंद्रमा ही तरह चंचल होता है और अक्सर साधना-आराधना के समय भटक जाता है। ऐसे में कोई भी साधना या पूजा-अर्चना को निर्विघ्न रूप से पूरा करने के लिए मन को नियंत्रित रखना आवश्यक है इसलिए मन पर नियंत्रण पाने के लिए माघ अमावस्या के दिन मौन रखने की सलाह दी जाती है।मौनी अमावस्या पर पितृ दोष शांति के लिए करें ये उपाय
महामृत्युंजय मंत्र या पितृ स्तोत्र, रूद्र सूक्त या, नव ग्रह स्तोत्र का पाठ करें, कुल देवता और इष्ट देव की सदैव पूजा करते रहें। पितृ दोष शांत होगा।मौनी अमावस्या पर इन उपायों से पितृ दोष और शनि दोष से मिलेगी मुक्ति
मौनी अमावस्या पर पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए इससे पितृ दोष दूर होता है। इसी के साथ शनि चालीसा का पाठ करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।मौनी अमावस्या पर इन 3 चीजों का दान करना सबसे शुभ
संभव हो तो मौनी अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान और भूमि दान करें। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इन चीजों का दान करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है।मौनी अमावस्या पर स्नान के समय पढ़ें ये मंत्र
पवित्र जल में स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करें: – ‘गंगा च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन संनिधिम कुरु ||’मौनी अमावस्या पर दान का महत्व
इस दिन गरीब, भूखे और ज़रूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें। दान में आप चाहे तो अनाज, वस्त्र, तिल,आंवला, कंबल, पलंग, घी और या तो गौशाला में गाय के लिए भोजन का दान कर सकते हैं।माघ अमावस्या का महत्व
माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन मौन रहकर किसी भी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करने से मनचाही मुराद पूरी होती है।मौनी अमावस्या और शनिचरी अमावस्या साथ (Shani Amavasya Or Mauni Amavasya 2023)
21 जनवरी को मौनी अमावस्या है। इस दिन शनिवार पड़ रहा है इसलिए इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जा रहा है। शनिचरी अमावस्या शनि के प्रकोप से बचने के लिए खास मानी जाती है। इस दिन शनि चालीसा का पाठ जरूर करेंमौनी अमावस्या व्रत विधि Mauni Amavasya Vrat Vidhi
- मौनी अमावस्या के दिन प्रात: काल उठकर बिना बोले नदी, सरोवर या फिर किसी पवित्र कुंड में स्नान करें।
- स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- मौनी अमावस्या के दिन उपवास करने के साथ-साथ मौन रहें।
- ज़रूरतमंद और भूखों को भोजन कराएं।
- वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, का दान करें।
- संभव हो तो मौनी अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान और भूमि दान करें।
- माघ अमावस्या पर पितरों का स्मरण करें।
- पितरों का तर्पण करें, ऐसा करने से हमारे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या 2023: तिथि और समय
माघ/मौनी अमावस्या तिथि: 21 जनवरी, 2023 (शनिवार)प्रारंभ समय: सुबह 06 बजकर 19 मिनट से
समाप्ति समय: 22 जनवरी, 2023 की रात 02 बजकर 25 मिनट तक
30 साल बाद मौनी अमावस्या पर बन रहा विशेष संयोग
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या पर 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है। यह योग धार्मिक कार्यों और कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए विशेष माना जाता है।मौनी माघ अमावस्या और श्राद्ध कर्म (Mauni Magh Amavasya)
माघ अमावस्या (Magh Amavasya) के बारे में प्रचलित मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, इस दिन जो कोई भी इंसान अपने पूर्वजों और पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म करते हैं, उनके पितृ गणों की आत्माएं तृप्त होकर और प्रसन्न होकर उस व्यक्ति को सुखी, धन-धान्य पूर्ण जीवन का आशीर्वाद अवश्य प्रदान करती है।मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के उपाय (Pitru Dosh Upay On Mauni Amavasya)
पितरों की पूजा के बाद उनके नाम से किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद व्यक्ति को दान आदि दें। अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल पर दूध, गंगा जल, जल, काले तिल, चीनी, चावल, पुष्पादि चढ़ाते हुए “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करें।मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Ka Mehatv)
हिंदू धर्म में माघ अमावस्या यानी मौनी अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन स्नान करने से पहले मौन रहने की मान्यता है और संभव हो तो दिन भर कड़वे वचन भी ना बोलें, सभी से प्रेम पूर्वक बात करें। वैदिक ज्योतिष की नजर से देखें तो चंद्रमा को मन का कारक माना गया है और माघ अमावस्या के दिन चंद्र देव के दर्शन नहीं होते हैं, यही वजह है कि मन की स्थिति कमजोर बनी रहती है, इसलिए मौनी अमावस्या का व्रत मन को शांत रखता है।मौनी अमावस्या पर क्यों रहते हैं मौन? Mauni Amavasya 2023
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो कोई भी व्यक्ति मन और वाणी पर नियंत्रण रखते हुए स्नान, दान, पूजा-अर्चना इत्यादि करता है उस व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।वृषभ वार्षिक राशिफल 2025 (Taurus Yearly Horoscope): जानिए, वृषभ राशि वालों की आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और लव लाइफ के लिए कैसा रहेगा नया साल
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