Mauni Amavasya Vrat Katha: सुनें मौनी अमावस्‍या की व्रत कथा, जानें किस वजह से इस दिन रहा जाता है मौन

Mauni Amavasya Vrat Katha in Hindi 2023, Shani Amavasya Vrat Katha in Hindi: ​ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्‍या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन अगर आप व्रत रख रहे हैं तो प्रात उठ कर सबसे पहले स्नान करें और फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही मौनी अमावस्या की व्रत कथा सुनें।

Mauni Amavasya Vrat Katha in Hindi 2023: पौराणिक कथाओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था, इस दिन मौन व्रत कर विधिवत श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है तो अमावस्या तिथि का योग बनता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या की तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। मौनी अमावस्या पर मौन धारण कर स्नान करने का विधान है।
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इस दिन पीपल के पेड़ व भगवान विष्णु की विधिवत पूजन भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना व्रत कथा पाठ किए किसी भी व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता। अगर आप मौनी अमावस्या के दिन व्रत रख रहे हैं तो इस व्रत कथा को जरूर सुनें।
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Mauni Amavasya Vrat Kahani, मौनी अमावस्या की पौराणिक कथा

प्राचीन काल में कांचीपुरी में देवस्वामी नाम का एक ब्राह्मण रहता था, उसकी पत्नी का नाम धनवती था। उनके सात पुत्र और एक पुत्री थी, पुत्री का नाम गुणवती था। ब्राम्हण ने सातों पुत्रों का विवाह करने के बाद बेटी के लिए वर तलाश करने के लिए अपने सबसे बड़े पुत्र को भेजा। उसने एक ज्योतिषी को कन्या की कुण्डली दिखाई, उसने बताया कि विवाह होते ही कन्या विधवा हो जाएगी। ज्योतिषी की बात सुन ब्राह्मण दुखी हो गया और उसने इसका उपाय पूछा।
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