May Som Pradosh Vrat Date 2024:कब रखा जाएगा मई महीने का दूसरा प्रदोष व्रत, यहां नोट करें तिथि, पूजा विधि और महत्व

May Pradosh Vrat 2024 Date And Time: मई का महीने का दूसरा प्रदोष व्रत सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है। इस व्रत का हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है। ऐसे में आइए जानें की मई महीने का दूसरा प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा।

May Pradosh Vrat 2024 Date

May Pradosh Vrat 2024 Date

May Pradosh Vrat 2024 Date: प्रदोष का व्रत महीने में दो बार आता है। एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। प्रदोष का व्रत भगवान शिव को समर्पित व्रत है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष का व्रत रखने से साधक को सुख, समृद्धि के साथ- साथ संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। इस बार का प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ेगा, इसलिए ये सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। सोम प्रदोष का व्रत रखने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानें कब है सोम प्रदोष व्रत और इसका महत्व।

Shukra Gochar 2024

मई प्रदोष व्रत डेट 2024 (May Pradosh Vrat 2024 Date)हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि की शुरुआत 20 मई को दोपहर 03 बजकर 58 पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल में की जाती है। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत 20 मई को सोमवार के दिन रखा जाएगा।

May Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat (सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 2024)इस बार मई महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 20 मई 2024 को सोमवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन शाम के 7 बजकर 8 मिनट से लेकर 9 बजकर 12 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहने वाला है। इस समय में शिव जी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।

Som Pradosh Vrat Puja Vidhi (सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि)प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि के बाद भगवान शिव का ध्यान करें।

उसके बाद साफ चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।

फिर चंदन, तिलक, अक्षत और बेलपत्र अर्पित करें।

इस दिन शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

उसके बाद शिव मंत्रों का जाप करें और कथा का पाठ करें।

अंत में भगवान शिव की आरती करें और भोग लगाएं।

सोम प्रदोष व्रत महत्व (Pradosh Vrat Importance)शास्त्रों में सोम प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन का व्रत रखने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को हर संकट से छुटकारा मिल जाता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

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