Mohini Ekadashi Vrat Katha 2024: मनुष्य का कल्याण करता है मोहिनी एकादशी व्रत, पढ़ें इसकी व्रत कथा

Mohini Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था इस वजह से इस एकादशी का नाम मोहिनी एकादशी पड़ा। यहां आप जानेंगे मोहिनी एकादशी की व्रत कथा।

Mohini Ekadashi Vrat Katha In Hindi

Mohini Ekadashi Vrat Katha In Hindi: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। ये व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है इस तरह से एक साल में कुल 24 या 25 एकादशी व्रत आते हैं। 19 मई को मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य का जीवन कल्याणमय हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए ये एकादशी खास मानी गई है। चलिए जानते हैं मोहिनी एकादशी की व्रत कथा।

मोहिनी एकादशी व्रत कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha In Hindi)

मोहिनी एकादशी की पौराणिक कथा अनुसार प्राचीन समय में सरस्वती नदी के किनारे भद्रावती नाम का एक शहर था। जहां धनपाल नामक एक अमीर आदमी निवास करता था। धनपाल बहुत दानी स्वभाव का था और वह दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता था। इतना ही नहीं उसने समाज के कल्याण के लिए शहर में कई जगह भोजनालय, कुएं, तालाब और धर्मशालाएं भी बनवाईं थीं। साथ ही उसने शहर की सड़कों के किनारे आम, जामुन, नीम जैसे कई छायादार पेड़ लगवाने का काम भी किया था ताकि लोगों को कोई समस्या न हो।
धनपाल के पांच बेटे थे, जिसमें से उसका छोटा बेटा सबसे खराब था जिसका नाम धृष्टबुद्धि था। धृष्टबुद्धि की बुरी संगति में रहता था और हमेशा शराब, मांस, जुआ खेलने जैसे बुरे काम करता रहता था। उसकी बुरी आदतों से तंग आकर एक दिन धनपाल ने उसे घर से निकाल दिया लेकिन इसके बाद भी वह नहीं सुधरा।
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