Muharram Wishes 2023: कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है...आशूरा पर इमाम हुसैन की शहादत को करें याद, शेयर करें ये संदेश
Muharram 2023 Wishes, Greetings Images: मुहर्रम पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेदें ये संदेश।
Muharram 2023 Status in Hindi, Muharram Wishes in Hindi
Muharram 2023 Wishes, Greetings Images: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम महीना, हिजरी संवत् का प्रथम महीना होता (Happy Islamic New Year Wishes 2023) है। इस्लाम धर्म के पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत मुहर्रम के महीने में हुई थी। इसलिए ही इस्लाम धर्म के अनुयायी, मुहर्रम को गम में मनाते है। मुहर्रम के महीने में कई मुस्लिम लोग रोजा भी रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि मुहर्रम का रोजा 30 रोजों के बराबर सबाब देता है। मुहर्रम की शुभकामनाएं देने के लिए अपनों को भेजें ये खास संदेश।
Muharram Festival 2023: Greetings, Wishes, SMS, Images, Quotes
-कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है
यूं तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन
हुसैन ने वो सज़दा किया, जिस पर खुदा को नाज़ है
-फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई
वफ़ा भी झूम उठे यूं वफ़ा करे कोई
नमा 1400 सालों से इंतज़ार में है
हुसैन की तरह मुझे फिर अदा करे कोई
-सजदे में जा कर सिर कटाया
हुसैन ने नेजे पे सिर था
और ज़ुबान पे अय्यातें कुरान
इस तरह सुनाया हुसैन ने
-मुहर्रम पर याद करो वो कुर्बानी!!
जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी!!
ना डिगा वो हौसलों से अपने!!
काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी!!
-कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी ,
खून तो बहा था लेकिन ,
कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी |
मुहर्रम क्यों मनाया जाता है (Why Muharram Is Celebrated)
इस्लाम धर्म के पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन एंव उनके साथियों की शहादत मुहर्रम के महीने में हुई थी। इसलिए मुहर्रम इनके कर्बला में शहीद होने के गम में याद करके मनाया जाता है। इस महीने में उत्सव नहीं होता है। शिया मुस्लिम इस दौरान इमाम हुसैन की शहादत पर दुख प्रकट करते हुए काले कपड़े पहनकर जुलूस निकालते हैं। इस दिन उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है, साथ ही ताजिया निकाला जाता है।
मुहर्रम कैसे मनाया जाता है (How Muharram Is Celebrated)
कहते हैं जिस तरह से इमाम हुसैन को भूखे प्यासे रखा गया था उसी तरह से मुस्लिम लोग भी मुहर्रम के दिन भूखे प्यासे रहकर रोजा रखते है और उनकी याद में ताजिया निकालते है। दरअसल इमाम हुसैन पर बादशाह यजीद ने कर्बला के मैदान में पानी पर रोक लगा रखी थी। ऐसे में इमाम हुसैन और उनके साथियों को एक बूंद पानी भी नहीं मिला था और वो सभी बिना पानी के ही शहादत का जाम पी गए थे। इसलिए इस दिन मुस्लिम लोग अपने घर के आसपास पानी के प्याऊ इत्यादि रखते है।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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