Nand Ke Ghar Aanad Bhayo Lyrics
Nand Ghar Anand Bhayo Jai kanhaiya Lal ki, Bhaye Pragat Kripala Deendayala Lyrics in Hindi: जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इस साल ये पावन पर्व 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी पर रात 12 बजे कान्हा की पूजा होती है। माना जाता है कि इसी समय कृष्ण भगवान ने धरती पर जन्म लिया था। इसलिए इस रात को श्री कृष्ण जी केे जन्म का लोकप्रिय भजन गाकर उनका धूमधाम से स्वागत किया जाता है। यहां देखें कृष्ण जन्म बधाई गीत लिरिक्स...
कृष्ण जन्म बधाई गीत लिरिक्स (Nand Ghar Aanand Bhayo Jai kanhaiya Lal ki)
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की ।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥
जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की ।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
॥ आनंद उमंग भयो...॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की ।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की ।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥
गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की ।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
पूनम के चाँद जैसी, शोभा है बाल की ।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
भक्तो के आनंद्कनद, जय यशोदा लाल की ।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥
जय हो यशोदा लाल की, जय हो गोपाल की ।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
आनंद से बोलो सब, जय हो बृज लाल की ।
हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥
जय हो बृज लाल की, पावन प्रतिपाल की ।
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥
॥ बृज में आनंद भयो...॥
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (Bhaye Pragat Kripala Deendayala Lyrics)
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी |
हर्षित महतारी, मुनिमन हारी
अद्भुत रूप विचारी |
लोचन अभिरामा तनु घनश्यामा ,
निज आयुध भुजचारी |
भूषन बन माला नयन विशाला,
सोभासिंधु खरारी|
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी,
केहि विधि करूं अनंता |
माया गुण ग्याना तीत अमाना,
वेद पुराण भनंता |
करुना सुख सागर सब गुण आगर,
जेहिं गावहिं श्रुति संता|
सो मम हित लागी जन अनुरागी,
भयऊ प्रगट श्रीकंता |
व्रम्हांड निकाया निर्मित माया,
रोम रोम प्रति वेद कहै|
मम उर सो बासी यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै |
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत विधि कीन्ह चहै |
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सूत प्रेम लहै |
माता पुनि बोली सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा |
कीजै शिशुलीला अति प्रियशीला,
यह सुख परम अनूपा |
सुनी बचन सुजाना रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा |
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा |
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी |
हर्षित महतारी मुनिमन हारी,
अद्भुत रूप विचारी|
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी |
हर्षित महतारी, मुनिमन हारी
अद्भुत रूप विचारी |