Narak Chaturdashi 2022: आज इस समय करें यमदेव की पूजा, अकाल मृत्यु का भय होगा खत्म
Narak Chaturdashi 2022 Shubh muhurat, Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसा नरक चतुर्दशी का पर्व कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन ग्रहण काल के कारण इस बार दिवाली और नरक चतुर्दशी एक दिन मनाई जा रही है। ऐसे में पूजा को लेकर असमंजस में ना पड़ें। यहां आप शुभ मुहूर्त व पूजा विधि से लेकर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

नरक चतुर्दशी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
- दिवाली के दिन मनाई जा रही है नरक चतुर्दशी।
- नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव की पूजा का विधान।
- तिल के तेल से करें मालिस, होगी सौंदर्य की प्राप्ति।
Narak Chaturdashi 2022 Shubh muhurat, Puja Vidhi: दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पावन पर्व मनाया जाता है। हालांकि इस बार ग्रहणकाल के कारण नरक चतुर्दशी और दिवाली का पर्व एकसाथ मनाया जा रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने दैत्यराज नरकासुर (Narak Chaturdashi 2022) का वध कर, 16 हजार कन्याओं को बंदीगृह से मुक्त करवाया था। इस दिन विधि विधान से यमदेव की पूजा अर्चना करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है तथा नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि, नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज को दक्षिण दिशा में दीपदान करने से घर से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है व सकारात्मकता का वास होता है।
वहीं इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और मां काली की पूजा का भी विधान है। इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करने से सौंदर्य (Narak Chaturdashi 2022 Katha की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इसे रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, यदि विधिवत यमदेव की पूजा ना की जाए तो इसका गलत परिणाम भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको नरक चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि बताएंगे। आइए जानते हैं।
Narak Chaturdashi 2022 Shubh muhurat, Puja Vidhi, Katha
हिंदू पंचांग के अनुसा नरक चतुर्दशी का पर्व कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन ग्रहण काल के कारण इस बार दिवाली और नरक चतुर्दशी एक दिन मनाई जा रही है। ऐसे में पूजा को लेकर असमंजस में ना पड़ें। चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ हो चुकी है, वहीं इसकी समाप्ति आज यानी 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर हो रही है। यहां आप पूजा का शुभ मुहूर्त जान सकते हैं।
नरक चतुर्दशी 2022 | शुभ मुहूर्त |
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ | 23 अक्टूबर 2022, शाम 6:03 बजे |
चतुर्दशी तिथि की समाप्ति | चतुर्दशी तिथि की समाप्ति - 24 अक्टूबर, शाम 05:2 बजे |
स्नान का शुभ मुहूर्त | अभ्यंग स्नान मुहूर्त - 5:05 Am से |
सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर साप वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और श्रीहरि भगवान विष्णु, भगवान श्री कृष्ण और मां काली की प्रतिमा स्थापित करें। अब श्री हरि भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान करवाने के बाद गंगाजल से सभी देवी देवताओं को स्नान करवाएं। फिर फल पुष्प व फूल माला अर्पित करें, देवताओं के सामने धूप, दीप जलाएं और कुमकुम का तिलक अर्पित करें। अब भगवान विष्णु के कथा का पाठ कर आरती करें। ध्यान रहे बिना आरती व मंत्रों के नरक चतुर्दशी की पूजा को स्वीकार नहीं किया जाता।
वहीं इस दिन शाम के समय यमदेव की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि, इस दिन यमदेव की पूजा करने से अकाल मृत्यु व आकस्मिक निधन का भय खत्म हो जाता है। ध्यान रहे इस दिन चौखट के दोनों ओर दीपक जलाना ना भूलें।
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