Naraka Chaturdashi Vrat Katha: नरक चतुर्दशी की पूजा के समय जरूर पढ़ें ये कथा

Naraka Chaturdashi 2022 Vrat Katha in Hindi: आमतौर पर नरक चतुर्दशी के मनाए जाने के पीछे हमें दो कथाएं सुनने को मिलती हैं। इसमें से एक कथा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है और दूसरी कथा भगवान विष्णु के वामन अवतार से।

Naraka Chaturdashi 2022 Vrat Katha in Hindi: नरक चतुर्दशी कथा

Naraka Chaturdashi 2022 Vrat Katha in Hindi: नरक चतुर्दशी इस बार 24 अक्टूबर को यानी दिवाली वाले दिन ही मनाई जाएगी। इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन यमराज की पूजा कर उनसें अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। नरक चतुर्दशी पर प्रात: काल उठकर शरीर पर तिल्ली का तेल मलकर और अपामार्ग की पत्तियों को पानी में डालकर स्नान किया जाता है। कहते हैं इससे नरक के भय से मुक्ति मिल जाती है। इस पर्व के महत्व के बारे में जानने के लिए जरूर पढ़ें ये कथा।

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Narak Chaturdashi Katha

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पहली कथा- इस कथा के अनुसार नरकासुर नामक दैत्य ने कठिन तपस्या कर देवताओं ये वरदान हासिल कर लिया था कि उसकी मौत सिर्फ और सिर्फ किसी स्त्री के ही हाथों हो सकती है। ये वरदान प्राप्त कर नरकासुर तीनों ही लोकों में अत्याचार करने लग गया था। नरकासुर के अत्याचारों को देखते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अर्धांगिनी सत्यभामा के साथ मिलकर कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि को नरकासुर का वध कर दिया। नरकासुर की मृत्यु के बाद लोगों ने अपने घरों में दीप जलाए। कहते हैं तब से ही नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाने लगा।

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