Narasimha Jayanti 2023: नरसिंह जयंती कब है? जानिए इसकी डेट, तिथि, मुहूर्त व महत्व
Narasimha Jayanti 2023 Date (नरसिंह जयंती 2023 में कब है): विष्णु भगवान के नरसिंह अवतरण की तिथि को हर साल नरसिंह जयंती के तौर पर मनाया जाता है। नरसिंह अवतार को भगवान विष्णु का अति उग्र और घातक अवतार माना जाता है। ये भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं। जानिए नरसिंह जयंती की तिथि, तारीख, मुहूर्त और महत्व।
नरसिंह जयंती कब है?
Narasimha Jayanti 2023 Date (नरसिंह जयंती 2023 में कब है): नरसिंह जयंती, हर साल विष्णु भगवान के नरसिंह अवतरण की तिथि पर मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरसिंह जयंती सेलिब्रेट किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन भगवान विष्णु ने अपना पांचवा अवतार यानी नरसिंह भगवान का रूप लिया था। अहंकार और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया था। इस अवतार में विष्णु भगवान का शरीर नर का और रूप सिंह का था। इसलिए उन्हें नरसिंह कहा गया। श्री हरी विष्णु के सभी अवतारों में नरसिंह को अति उग्र और घातक माना गया है। लेकिन अपने भक्तजनों के लिये यह सदैव सौम्य, शीतल और कृपालु रहते हैं। इसलिए, नरसिंह जयंती पर व्रत रखने और विधिवत पूजा करने से जातक पर भगवान की कृपा बरसती है। वहीं, शारीरिक और मानसिक बल की प्राप्ति होती है। इसी के साथ जानिए नरसिंह जयंती की डेट, तिथि, मुहूर्त और महत्व इन हिंदी।
नरसिंह जयंती 2023 में कब है(When is Narsimha Jayanti 2023)?
नरसिंह जयंती, प्रतिवर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार, इस बार यह खास दिन 4 मई 2023, गुरुवार के दिन है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की नरसिंह अवतार की पूजा होती है।
नरसिंह जयंती 2023 मुहूर्त (Narsimha Jayanti 2023 Shubha Muhurat)
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 3 मई 2023, बुधवार, रात 11:49 बजे से।
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 4 मई 2023, गुरुवार, रात 11:44 बजे तक।
नरसिंह जयंती संकल्प का समय - 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक।
पूजा के लिए समय- 4 मई 2023, शाम 4:18 बजे से 6:58 बजे तक।
पूजा की कुल अवधि - 2 घंटे 40 मिनट।
पारण का समय - 5 मई, सुबह 5:37 बजे से
नरसिंह जयंती का महत्व (Narsimha Jayanti 2023 Significance)
श्री हरी भगवान विष्णु के सभी अवतारों में नरसिंह अवतार को सबसे उग्र और घातक माना गया है। दरअसल, यह अवतार उन्होंने प्रह्लाद को बचाने और हिरण्यकश्यप के वध के लिए लिया था। कहते हैं विष्णु भगवान की परम भक्ति से प्रह्लाद को बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई थी। इस तरह जो भी जातक भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा करता है उसे मानसिक और शारीरिक बल की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान के इस रूप की आराधना से व्यक्ति के भीतर का भय दूर होता है। इतना ही नहीं भगवान नरसिंह की विधि अनुसार पूजा करने से जीवन में आ रही समस्त बाधाएं दूर होती हैं और शत्रुओं का भी नाश होता है।
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