Nautapa 2023: साल 2023 में नौतपा कब से शुरू, क्या है ये, जानिए इसके वैज्ञानिक और ज्योतिषीय तथ्य

Nautapa 2023 Start and End Date: नौतपा हर साल ज्येष्ठ माह की ग्रीष्म ऋतु के साथ शुरू हो जाती है। इस दौरान सूर्य की रौशनी डायरेक्ट पृथ्वी पर पड़ती है, जिससे प्रचंड गर्मी महसूस होती है। यहां जानिए नौतपा क्या है, क्यों होती है और इस साल कब से शुरू हो रही है।

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Nautapa 2023 Date and Importance: पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास में ग्रीष्म ऋतु के साथ नौतपा की शुरुआत होती है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, जब सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र यानी रोहिणी में प्रवेश करते हैं तब से नौतपा का आरंभ माना जाता है। सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में कुल 15 दिनों तक विराजमान रहते हैं। इसके शुरुआत के नौ दिन सबसे अधिक गर्मी वाला होता है। क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है और प्रचंड गर्मी का एहसास होता है। इसी के साथ यहां जानिए इस बार नौतपा कब से शुरू होने वाली है। साथ ही इसके वैज्ञानिक और ज्योतिषीय तथ्य को भी जानेंगे।

नौतपा क्या है, What is Nautapa

नौतपा, 9 दिनों के पीरियड का एक महत्व पूर्ण मौसमी घटनाक्रम है। यह तब शुरू होती है जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन के लिए प्रवेश करते हैं और शुरुआत के 9 दिन धरती काफी तेज तपती है। इन्हीं शुरुआती 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान सूर्य पृथ्वी पर लंबवत पड़ती है। यह आमूमन मई-जून महीने के बीच आती है।

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नौतपा हर बार मई-जून महीने के बीच ग्रीष्म ऋतु में आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसबार सूर्य देव 22 मई, सोमवार को सुबह 8:16 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने के बाद सूर्य 2 जून, शुक्रवार की सुबह 6:40 बजे दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इस तरह इस साल सूर्य ग्रह रोहिणी नक्षत्र में 12 दिन तक ही रहेंगे। बता दें इस साल नौतपा 22 मई से शुरू हो रहा है, जो शुरुआती के 9 दिन तक रहेगा।

नौतपा के ज्योतिषीय तथ्य

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और शीतलता के कारक हैं। ऐसे में जब सूर्य रोहिणी में गोचर करते है तो उस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेते हैं। इस वजह से पृथ्वी को शीतलता बिलकुल भी नहीं मिल पाती। ऐसे में तापमान बढ़ने लगता है और गर्मी काफी बढ़ जाती है। नौतपा का उल्लेख ज्योतिषीय सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में भी मिलता है।

नौतपा का वैज्ञानिक आधार Scientific Reasons Of Nautapa

नौतपा सिर्फ ज्योतिष में ही नहीं बलिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्व रखता है। इसके अनुसार, नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती है, जिसके कारण तापमान सर्वाधिक होता है। तापमान बढ़ने से मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जो समुद्र की लहरों को अपने तरफ आकर्षित करता है। इस कारण पृथ्वी के कई हिस्सों पर ठंडी हवाएं, तूफान और बारिश होने की संभावना होती है।

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अवनी बागरोला author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें

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