Navratri Day 9 Aarti, Nauve Navratri ki Aarti: नौवें नवरात्र पर करें मां सिद्धिदात्री की आरती, यहां देखें हिंदी लिरिक्स लिखित में

Navratri Day 9 Aarti, Nauve Navratri ki Aarti: नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इनकी पूजा में इस आरती को जरूर करें। जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता, तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता...

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Navratri 9th Day Aarti: नवरात्रि के नौवें दिन की आरती

Navratri Day 9 Aarti, Maa Siddhidatri Ki Aarti: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का नौवां दिन बेहद खास होता है। क्योंकि इस दिन मां सिद्धिदात्री और भगवान राम की पूजा होती है। दरअसल चैत्र महा नवमी (Chaitra Maha Navami 2023) के दिन राम नवमी (Ram Navami 2023) का पर्व भी मनाया जाता है। इसी के साथ इस दिन नवरात्रि व्रत का समापन (Chaitra Navratri Samapan 2023) भी हो जाता है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे दिन से मां सिद्धिदात्री की उपासना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां दुर्गा का ये रूप भक्तों का कल्याण करने वाला माना गया है। नवरात्रि के नौवें दिन की देवी को प्रसन्न करने के लिए जरूर पढ़ें ये आरती।

Maha Navami 2023 Puja Vidhi, Muhurat

मां सिद्धिदात्री की आरती (Maa Siddhidatri Ki Aarti)

जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता

तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि

कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम

हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,

तेरी पूजा में न कोई विधि है

तू जगदंबे दाती तू सर्वसिद्धि है

रविवार को तेरा सुमरिन करे जो

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,

तू सब काज उसके कराती हो पूरे

कभी काम उस के रहे न अधूरे

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया

रखे जिसके सर पैर मैया अपनी छाया,

सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली

जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा

महानंदा मंदिर में है वास तेरा,

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता

वंदना है सवाली तू जिसकी दाता...

मां सिद्धिदात्री ध्यान मंत्र

वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्.

कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥

स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्.

शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्.

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्.

कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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