Kalash Sthapana Muhurat: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें घटस्थापना, जानें पूरी विधि स्टेप बाय स्टेप यहां
Navaratri 2023 Kalash Sthapana (Ghatasthapana) Samagri, Puja Vidhi, Muhurat, Timings: नवरात्रि के पहले दिन विधि विधान घटस्थापना की जाती है। जिसके लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है। 2023 में नवरात्रि घटस्थापना (कलश स्थापना) का मुहूर्त 15 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
Navaratri 2023 Kalash Sthapana: नवरात्रि कलश स्थापना विधि और मुहूर्त
Navaratri 2023 Kalash Sthapana (Ghatasthapana) Samagri, Puja Vidhi, Muhurat, Timings: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 15 अक्टूबर 2023, रविवार से शुरू होने जा रहा है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मां अंबे की पूजा-अर्चना करके विधि विधान कलश स्थापना की जाती है (Navratri Ghatasthapana Vidhi)। घटस्थापना नवरात्रि का एक मुख्य अनुष्ठान है जिसके लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है (Navratri Ghatasthapana Muhurat 2023)। साल 2023 में नवरात्रि घटस्थापना यानि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 11:44 AM से 12:30 PM तक रहेगा। इस मुहूर्त में अगर आप विधि विधान कलश की स्थापना कर देते हैं तो इससे आपके घर-परिवार पर पूरे साल मां अंबे की कृपा बनी रहेगी। जानिए घटस्थापना की सामग्री लिस्ट, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त (Navratri Ghatasthapana Samagri)।
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2023 (Navratri Ghatasthapana/Kalash Sthapana Muhurat 2023)
नवरात्रि घटस्थापना कब है 2023 | 15 अक्टूबर 2023, रविवार |
नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त | 11:44 AM से 12:30 PM |
नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त अवधि | 46 मिनट |
नवरात्रि प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ | 14 अक्टूबर 2023 को 11:24 PM बजे |
नवरात्रि प्रतिपदा तिथि समाप्त | 16 अक्टूबर 2023 को 12:32 AM बजे |
चित्रा नक्षत्र प्रारम्भ | 14 अक्टूबर 2023 को 04:24 PM बजे |
चित्रा नक्षत्र समाप्त | 15 अक्टूबर 2023 को 06:13 PM बजे |
वैधृति योग प्रारम्भ | 14 अक्टूबर 2023 को 10:25 AM बजे |
वैधृति योग समाप्त | 15 अक्टूबर 2023 को 10:25 |
कलश, गंगाजल , मौली, रोली,अक्षत, सिक्का, गेहूं या अक्षत, आम के पत्ते का पल्लव, 5 आम के पत्ते की डली, मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा, कलावा, गेहूं या जौ, पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई बत्ती, सिंदूर, लाल वस्त्र, जटा वाला नारियल आदि।
नवरात्रि मां के श्रृंगार के लिए सामग्री (Maa Durga Saman List)
माता के लिए लाल चुनरी, चूड़ी, नाक की नथ, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, काजल, महावर या आलता, बिछिया, पायल, माला, कान की बाली, नेलपॉलिश, लिपस्टिक और इत्र।
नवरात्रि घटस्थापना विधि 2023 (Navratri Ghatasthapana/Kalash Sthapana Vidhi 2023)
- नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त पर और सही तरीके से ही घटस्थापना करनी चाहिए।
- सबसे पहले पूजा स्थल पर मिट्टी की वेदी बनाकर या मिट्टी के बड़े पात्र में जौ बोएं।
- इसके बाद एक कलश या मिट्टी का पात्र लें उसकी गर्दन पर मौली बांधें। फिर उसपर तिलक लगाएं और कलश को जल से भर दें।
- कलश में अक्षत, सुपारी, सिक्का डाल दें साथ में थोड़ा गंगाजल भी डालें।
- अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े या लाल चुन्नी में लपेट लें। फिर इस नारियल और चुन्नी को रक्षा सूत्र से बांध लें।
- अब जमीन को साफ कर सबसे पहले उस पर जौ वाला पात्र रखें, फिर उसके बाद पानी से भरा कलश रखें।
- फिर कलश के मुंह पर ढक्कन रखें और उसके ऊपर नारियल रख दें।
- कलश पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और दुर्गा जी को विराजित कर उनकी पूजा करें।
- इस कलश को 9 दिनों तक मंदिर में रखें और मां दुर्गा के साथ इसकी भी पूजा करें।
- आवश्यकतानुसार सुबह-शाम बोए गए जौ में पानी डालते रहें।
कलश स्थापना मंत्र (Kalash Sthapana Muhurat)
जिस स्थान पर कलश बैठा रहे हैं, उस स्थान को दाएं हाथ से स्पर्श करते हुए ये मंत्र बोलें - ओम भूरसि भूमिरस्यदितिरसि विश्वधाया विश्वस्य भुवनस्य धर्त्रीं। पृथिवीं यच्छ पृथिवीं दृग्वंग ह पृथिवीं मा हि ग्वंग सीः।।
कलश रखने से पहले सप्तधन बिछाने के दौरान इस खास मंत्र का जाप करें- ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।
इस मंत्र को बोलते हुए कलश को स्थापित करें - ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।
इस मंत्र का जाप करत हुए कलश में जल भरें- ओम वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य स्काभसर्जनी स्थो वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमा सीद।
कलश पर पल्लव रखने के समय इस मंत्र का जाप करें- ओम अश्वस्थे वो निषदनं पर्णे वो वसतिष्कृता।। गोभाज इत्किलासथ यत्सनवथ पूरुषम्।।
कलश में सुपारी रखने के समय इन मंत्रों का जाप करें।- ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पायाश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व ग्वंग हसः।।
कलश में चंदन रखने के दौरान इस मंत्र का जाप करें- ओम त्वां गन्धर्वा अखनस्त्वामिन्द्रस्त्वां बृहस्पतिः। त्वामोषधे सोमो राजा विद्वान् यक्ष्मादमुच्यत।। इस मंत्र से कलश में चंदन लगाएं।
कलश पर वस्त्र लपेटने के समय इस मंत्र का जाप करें- ओम सुजातो ज्योतिषा सह शर्म वरूथमाऽसदत्स्वः । वासो अग्ने विश्वरूप ग्वंग सं व्ययस्व विभावसो।।
कलश के ऊपर मिट्टी के बर्तन में चावल भरकर रखते हुए इस मंत्र का जाप करें- ओम पूर्णा दर्वि परा पत सुपूर्णा पुनरा पत। वस्नेव विक्रीणावहा इषमूर्ज ग्वंग शतक्रतो।।
इस मंत्र को बोलते हुए लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित करें- ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।।
नवरात्रि घटस्थापना का महत्व (Navratri Ghatasthapana Mahatva)
घटस्थापना या कलश स्थापना पूजा-पाठ का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कलश स्थापित करने से घर में सुख समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार पूजा पाठ में स्थापित किए गए कलश में सभी देवी-देवता वास करते हैं इसलिए इसे अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।धार्मिक मान्यताओं अनुसार नवरात्रि के समय में स्थापित किए जाने वाले कलश में ब्रह्मांड की सभी शक्तियों का घट के रूप आह्वान करके उसे स्थापित किये जाने की परंपरा है। इसकी स्थापना से घर की सभी परेशानियों का अंत हो जाता है।
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