Navratri 2022 2nd Day Maa Brahmacharini Puja Vidhi: मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है नवरात्रि का दूसरा दिन, देखें पूजा विधि, भोग, मंत्र व आरती
Navratri 2022 2nd Day Maa Brahmacharini Puja Vidhi, Mantra, Aarti: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कल यानी 26 सितंबर से हो गई थी। नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। यहां जानें ज्ञान और वैराग्य की देवी का आशीर्वाद लेने के लिए पूजा विधि, मंत्र, आरती व भोग।
मुख्य बातें
- आज है नवरात्रि का दूसरा दिन।
- इस दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा।
- आज पहनें पीले या सफेद रंग के वस्त्र।
Navratri 2022 2nd Day Maa Brahmacharini Puja Vidhi and Mantra: मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या, ज्ञान और वैराग्य की देवी माना गया है। मां जगदंबे का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर यानि कल से हो गई है। मां ब्रह्मचारिणी का यह स्वरूप बेहद खूबसूरत है जिनके एक हाथ में जप की माला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। कहा जाता है कि ब्रह्मचारिणी माता की अगर कोई भक्त सच्चे मन से पूजा करता है तो ज्ञान, वैराग्य, तप, संयम, त्याग आदि की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए भक्तों को इस दिन पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि (Maa Brahmacharini Puja Vidhi In Hindi) नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। पूजा की शुरुआत मां दुर्गा को पंचामृत से स्नान करवा कर करें। फिर उन्हें चंदन, अक्षत, इलायची, मिश्री, रोली और लौंग चढ़ाएं। इसके बाद उन्हें कमल या अड़हुल का फूल अर्पित करें। मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी माता को सफेद रंग के वस्तु भी चढ़ाने चाहिए। इस दिन घी का दिया जला कर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। कथा का श्रवण करने के बाद अंत में आरती जरूर पढ़ें।
मां ब्रह्मचारिणी को लगाएं इन चीजों का भोग (Mata Brahmacharini Ke Bhog)कहा जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री प्रिय हैं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के बाद उन्हें पंचामृत, चीनी और मिश्री का भोग लगाएं। इसके साथ उन्हें दूध या दूध से बने व्यंजन का भी भोग आप लगा सकते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी जी के मंत्र (Maa Brahmacharini Ki Ke Mantra) 1. या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
2. दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
मां ब्रह्मचारिणी जी की आरती (Brahmacharini Mata Ki Aarti)जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता, जय चतुरानन प्रिय सुख दाता
ब्रह्मा जी के मन भाती हो, ज्ञान सभी को सिखलाती हो
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा, जिसको जपे सकल संसारा
जय गायत्री वेद की माता, जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता
कमी कोई रहने न पाए, कोई भी दुख सहने न पाए
उसकी विरति रहे ठिकाने, जो तेरी महिमा को जाने
रुद्राक्ष की माला ले कर, जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर
आलस छोड़ करे गुणगाना, मां तुम उसको सुख पहुंचाना
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम, पूर्ण करो सब मेरे काम
भक्त तेरे चरणों का पुजारी, रखना लाज मेरी महतारी
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