Navratri 2022 Day 7, Maa Kalratri Vrat Katha: क्यों मां दुर्गा ने लिया था विकराल रूप, महासप्तमी पर पढ़ें यह व्रत कथा
Navratri 2022 7th Day, Maa Kalratri Vrat Katha In Hindi (मां कालरात्रि की व्रत कथा): 2 अक्टूबर रविवार, यानी आज शारदीय नवरात्रि 2022 की महासप्तमी तिथि है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि मां कालरात्रि को समर्पित है। आज पूजा के दौरान मां कालरात्रि की व्रत कथा पढ़ें।
Shardiya Navratri 2022 7th Day Maa Kalratri Ki Vrat Katha
- नवरात्रि की महासप्तमी तिथि मां कालरात्रि को समर्पित है।
- देवी कालरात्रि की कृपा से शत्रु पराजित होते हैं।
- दुष्टों के विनाश के लिए मां दुर्गा ने यह स्वरूप लिया था।
मां कालरात्रि की कथा (Maa Kalratri Ki Vrat Katha)
एक बार रक्तबीज ने सभी देवताओं का राज्य छीन लिया था। रक्तबीज के अत्याचारों से परेशान होकर तब सभी देवता भगवान शिव के पास गए थे। भगवान शिव ने सभी देवताओं से उनकी परेशानी का कारण पूछा। तब सभी देवताओं ने भोलेनाथ को रक्तबीज के अत्याचारों के बारे में बताया। रक्तबीज के बारे में सुनने के बाद भगवान शिव माता पार्वती के पास गए। उन्होंने माता पार्वती को राक्षस का संहार करने के लिए कहा। त्रिलोकीनाथ की बात सुनकर माता पार्वती साधना करने लगीं। माता पार्वती की साधना से तब मां कालरात्रि का अवतरण हुआ था।
जब मां दुर्गा रक्तबीज का वध कर रही थीं तब राक्षस का खून धरती पर गिर रहा था जिससे सैकड़ों दानव और उत्पन्न हो जा रहे थे। यह देखकर मां दुर्गा ने मां कालरात्रि को राक्षसों को खा जाने के लिए कहा। मां दुर्गा की बात मानकर मां कालरात्रि राक्षसों का खून गिरने से पहले ही उसे पी जाती थीं। असुरों का वध करने के साथ वह मुंड की माला भी पहनने लगीं। मां कालरात्रि से युद्ध के दौरान रक्तबीज भी मारा गया।
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