Navratri 2023 Day 2, Maa Brahmacharini Vrat Katha: नवरात्रि के दूसरे की देवी मां ब्रह्मचारिणी की पावन कथा यहां पढ़ें
Navratri 2023 2nd Day, Maa Brahmacharini Vrat Katha In Hindi (मां ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा): नवरात्रि के दूसरे दिन की देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी। इनकी पूजा से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यों में सफलता मिलती है। जानिए नवरात्रि के दूसरी दिन की कथा।
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मां ब्रह्मचारिणी की पावन कथा
Navratri 2023 2nd Day, Maa Brahmacharini Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि का दूसरा दिन बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा होती है। जिन लोगों को जीवन में सफलता नहीं मिल पा रही है उन्हें इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। देवी ब्रह्मचारिणी को प्रेम, निष्ठा, ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है।
पौराणिक कथाओं अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से व्यक्ति के अंदर साहस और उत्साह बढ़ता है। साथ ही वह जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम हो जाता है।
नवरात्रि का दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की कथा (Navratri Day 2- Maa Brahmacharini Katha)
पौराणिक कथाओं अनुसार एक समय की बात है भगवान शंकर सिर्फ अपनी तपस्या में ही लीन रहते थे। उधर, देवी भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी। लेकिन शंकर जी ध्यानमग्न रहने के कारण उनकी बात नहीं समझ पाते थे। तब एक दिन माता पार्वती जी ने कामदेव से शिवजी पर कामवासना का तीर छोड़ने को कहा। बिना सोचे समझे कामदेव ने भी भगवान शिव पर तीर भी छोड़ दिया। फलस्वरूप, भगवान शिव की तपस्या भंग हो गई और भगवान कामदेव पर क्रोधित हो गए। क्रोधित होकर शिवजी ने अग्नि का रूप ले लिया। भगवान स्वंय के साथ कामदेव को भी जला दिया। ये देख नारद जी ने देवी पार्वती को सलाह दी कि उन्हें घोर तपस्या करना चाहिए। तब देवी पार्वती पहाड़ पर जाकर कई हजार सालों तक घनघोर तप करती रहीं। देवी तप के दौरान पत्ते आदि खाकर धूप, बारिश और शीत में भी यूं ही तप करती रहीं। देवी की कठोर तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए। अंततः शिवजी ने उन्हें विवाह का वचन भी दिया।
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