Navratri Day 4, Maa Kushmanda Vrat Katha: नवरात्रि के चौथे दिन पढ़ें मां कूष्मांडा की व्रत कथा

Navratri 2023 4th Day, Maa Kushmanda Vrat Katha In Hindi (मां कूष्मांडा की व्रत कथा): शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। मां कूष्मांडा की 8 भुजाएं हैं जिनमें चक्र, गदा, तीर, अमृत कलश, धनुष, कमण्डलु और कमल सुशोभित हैं। माता शेरनी पर सवार हैं। जानिए मां कूष्मांडा की व्रत कथा।

Maa Kushmanda Vrat Katha in hindi

Navratri 2023 4th Day, Maa Kushmanda Vrat Katha In Hindi (मां कूष्मांडा की व्रत कथा): शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। मां कूष्मांडा की 8 भुजाएं हैं जिनमें चक्र, गदा, तीर, अमृत कलश, धनुष, कमण्डलु और कमल सुशोभित हैं। माता शेरनी पर सवार हैं। माता के चेहरे पर मधुर मुस्कान बनी हुई है। मान्यता है कूष्मांडा देवी की पूजा करने से कष्ट, रोग, दुख और संताप का नाश हो जाता है। यहां देखें मां कूष्मांडा की व्रत कथा।

Navratri 2023 4th Day, Maa Kushmanda Vrat Katha In Hindi (मां कूष्मांडा की व्रत कथा):

नवरात्रि के चौथे दिन की देवी हैं माता कूष्माण्डा । माता की मंद हंसी से ब्रह्मांड उत्पन्न होने के कारण उन्हें देवी कूष्माण्डा के नाम से जाना गया। जब यह सृष्टि नहीं थी और सभी दशों दिशाओं में अंधकार था, तब इन्हीं देवी ने अपने दिव्य हास्य से इस ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः इन्हें सृष्टि की आदिस्वरूपा कहा जाता है। इनकी आठ भुजाएं हैं, इसलिए ये अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं।। इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कूष्माण्ड कहते।

इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में माना जाता है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही तेजवान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। इतना ही नहीं ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में भी इन्हीं का तेज व्याप्त है। पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी इनकी पूजा करने से आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है।

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