Navratri 8th Day, Mata Mahagauri Puja Vidhi, Mantra, Aarti: दुर्गा अष्टमी के दिन करें मां महागौरी की पूजा, यहां देखें पूज विधि, मंत्र, आरती, व्रत कथा

Navratri 8th Day, Mata Mahagauri Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में अष्टमी और नवमी तिथि बहुत खास होती है। यहां देखें मां महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, आरती, व्रत कथा। हिंदी में।

Mata Mahagauri

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Navratri 8th Day, Mata Mahagauri Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि के अष्टम दिवस माता महागौरी की आराधना की जाती है। महागौरी का स्वरूप अत्यंत गौर है और यह हमेशा शुभ प्रदान करने वाली हैं। यह शिव भक्ति प्रदान करने वाली देवी हैं। माता में अनन्त ब्रम्हांड की शक्ति अनन्य शिव भक्ति विराजमान हैं। इस स्वरूप की पूजा से माता की अविरल व अखण्ड भक्ति व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यह स्वरूप ऐसा है कि माता के इस स्वरूप की उपासना करने से भक्ति व वैराग्य की भी प्राप्ति होती है। इनका नाम जगत जननी महागौरी भी है। माता ब्रम्हांड की अनन्त शक्तिस्वरूपा देवी हैं। माता गौरी उपासना निश्छल व केवल माता पर ही समर्पित भाव से करना चाहिए। इस दिन साधक का मन केवल व केवल माता गौरी के स्वरूप पर ही स्थित होना चाहिए। भक्तों को माता दुर्गा के इस स्वरूप का दर्शन प्राप्त होता है। भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर तप किया था जिससे इनका तन अंधकार के समान काला हो गया। जब भगवान शिव ने इनको दर्शन दिया तो इनका रंग अन्यन्त गौर हो गया और इनका नाम महागौरी हो गया। महागौरी पूजा से कुवारी लड़कियों को मनचाहा पति प्राप्त होता है। सभी की मनोवांछित मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

माता गौरी की पूजा से लाभ ( Mata Mahagauri Puja Benefits)

माता गौरी जगत की पालनहार हैं। इनकी कृपा से दैहिक ,दैविक व भौतिक संतापों का नाश होता है। यह सृष्टि की नियंता हैं।दुष्टों व असुरों का संहार करती हैं। यह शक्तियों की शक्ति हैं। जगत माता हैं। सम्पूर्ण ब्रम्हांड माता की कृपा से संचालित है। महागौरी ही जगत में भक्तों को अखण्ड शिव भक्ति के मार्ग पर ले जाती हैं। यह दुष्टों का संहार कर भक्तों का कल्याण करती हैं। भगवान शिव की भक्ति माता महागौरी जी की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है।

Navratri 8th Day Bhog (नवरात्रि अष्टमी भोग)माता को मीठे पकवान व फलों का भोग लगाते हैं। माता को गुड़ व फलों से बनी मिठाईयां व गुड़हल का पुष्प बहुत प्रिय है मीठा पकवान माता को समर्पित करें।

Navratri 8th Day Colour(नवरात्रि अष्टमी रंग)सफेद या लाल वस्त्र पहनकर ही माता की उपासना करें। माता को गुड़हल के पुष्प की माला व चुनरी चढ़ाएं। सुहागन महिलाएं माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करती हैं।

Navratri 8th Day, Maa Mahagauri Puja Vidhi ( नवरात्रि अष्टमी महागौरी पूजा विधि)

नित्य की भांति माता दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना करेंगे। माता को लौंग, गुड़हल,धूप ,स्वर्ण रंग की चुनरी,मीठा,गुड़,स्वर्ण आभूषण इत्यादि अर्पित मरते हैं। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ करें। माता दुर्गा के 108 नामों को पढ़कर एक नाम पर एक गुड़हल ,गुड़ ,शक्कर ,काली मिर्च व लौंग चढ़ाते जाएं। माता की भव्य आरती करें। अंत में किसी त्रुटि के लिए क्षमा याचना करके प्रसाद ग्रहण करें। दुर्गा मंदिर में माता की आराधना व दर्शन अवश्य करें। माता की प्रतिमा की एक परिक्रमा करें। माता की पूजा में गुड़ का प्रसाद व मीठा अवश्य होता है। कुश या लकड़ी का आसन अच्छा माना जाता है। किसी मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए संकल्पित पूजा करें। जो लोग माता दुर्गा की नित्य उपासना करते हैं,वो वैदिक विधि से महागौरी की पूजा करें।

कन्याओं के लिए मन चाहा वर प्राप्त करने के लिए माता महागौरी की विशेष उपासना करें

वैदिक विज्ञान में सिद्धियों के लिए माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप का ध्यान व पूजन करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। गुड़ व विभिन्न मीठे पकवान माता को अर्पित करें। व्रत पूर्णतया फलाहार हो। किसी विशेष मनोकामना पूर्ति हेतु संकल्प लेकर महागौरी पूजा का एक बड़ा अनुष्ठान भी बहुत ही विधिवत होता है। इस अनुष्ठान से माता प्रसन्न होती हैं व भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। माता भक्तों पर बहुत कृपालु हैं। निर्मल मन से माता के इस स्वरूप की उपासना व भक्ति करें। आज छात्र विद्या के लिए ,धन के लिए व लोग जगाते हैं। कुछ जातक केवल माता की भक्ति के लिए ही उपासना करते हैं,उसको वह गोपनीय केवल माता महागौरी की भक्ति प्राप्त करने के लिए करता है। अष्टमी तिथि माता विंध्यवासिनी जी की भक्ति प्राप्त करने का अनुपम अवसर है। जिनकी माता इष्ट हैं वह इस समय को सिर्फ व सिर्फ अपने लिए माता विंध्याचल जी की भक्ति प्राप्त करने में लगाते हैं।

Navratri 8th Day, Maa Mahagauri Mantra ( नवरात्रि मां महागौरी मंत्र)

सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्.

ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्.

डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्.

वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

Navratri 8th Day, Maa Mahagauri Aarti ( नवरात्रि मां महागौरी आरती)

''जय महागौरी जगत की माया ।

जय उमा भवानी जय महामाया ॥

हरिद्वार कनखल के पासा ।

महागौरी तेरा वहा निवास ॥

चंदेर्काली और ममता अम्बे

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥

भीमा देवी विमला माता

कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥

सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया

उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥

'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो'' ॥

Navratri 8th Day, Maa Mahagauri Vrat Katha ( नवरात्रि मां महागौरी व्रत कथा)

पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की। इस दौरान पार्वती मां को पानी और भोजन से वंचित रहीं, जिससे उनका पूरा शरीर काला पड़ गया। माता पार्वती की घोर तपस्या को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। जब उनका शरीर काला पड़ गया तब भगवान शिव ने उन्हें गंगाजल से शुद्ध किया तो उनका शरीर फिर से चमक उठा। इस दौरान उनका रंग सफेद हो गया, इसी कारण उन्हें महागौरी कहा गया।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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