Navratri 2023 Bhajan: तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये...नवरात्रि के बेस्ट भजनों का कलेक्शन यहां देखें

Navratri 2023 Bhajan Video: नवरात्रि के नौ दिन मां अंबे की उपासना के लिए बेहद खास माने गए हैं। इन दिनों हर कोई मां की भक्ति में डूबा नजर आता है। यहां आप देखेंगे नवरात्रि के सदाबहार भजनों का कलेक्शन।

नवरात्रि के सुपरहिट भजनों का कलेक्शन यहां देखें

Navratri 2023 Bhajan, Bhakti Songs: नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। हिंदू धर्म के लोगों के लिए ये नौ दिन बेहद खास होते हैं। कहते हैं नवरात्रि में विधि विधान माता की पूजा करने से व्यक्ति के सुखों में वृद्धि होती है। मान्यता है इस दिनों मां अंबे धरती पर विचरण करने आती हैं। ऐसे में जो व्यक्ति मां को प्रसन्न करने के उपाय करता है उसे मां की शीघ्र ही कृपा प्राप्त हो जाती है। नवरात्रि के दिनों में मां के भजनों को खूब सुना जाता है। भजन सुनने से मानसिक शांति मिलती है।
नवरात्रि में माता के भजनों की चारों ओर धूम रहती है। माता के भक्तिमय भजनों को सुनकर मन में भक्ति की भावना और भी ज्यादा हिलोरे मारने लगती है। चैत्र नवरात्रि के इस खास मौके पर हम आपको मातारानी के कुछ ऐसे भजनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सभी को खूब पसंद आते हैं।

नवरात्रि माता के भजन (Navratri Mata Ke Bhajan)

दुर्गा है मेरी मां, अम्बे है मेरी मां
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये
आ मां आ तुझे दिल से पुकारा
जय अम्बे गौरी मैया जया श्यामा गौरी
प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी
मेरी अंखियों के सामने ही रहना

अंबे माता की आरती (Ambe Mata Ki Aarti)

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित,
वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप्पर धारी]
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