Navratri 2023 Dates: शारदीय नवरात्रि 2023 कब से हैं, यहां जानें मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र का महत्व
Navratri 2023 Start and End Date ( शारदीय नवरात्रि 2023 कब से हैं): साल के दूसरे बड़े नवरात्रि जिनको शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है, जल्द शुरू होने वाले हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। यहां जानें कि 2023 में शारदीय नवरात्रि कब से शुरू है और इनका समापन कब होगा। साथ ही जानें मां दुर्गा के पास कौन अस्त्र-शस्त्र हैं और इनका महत्व।

मां दु्र्गा के अस्त्र शस्त्र के नाम और महत्व
Navratri 2023 Start and End Date ( शारदीय नवरात्रि 2023 कब से हैं): भारत त्योहारों का देश है। अक्टूबर के महीने में दुर्गा पूजा को धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का अपना अलग अंदाज है। हिंदू धर्म का यह पर्व पूरे उल्लास से देश में मनाया जाता है । वहीं भारत के पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का अलग अंदाज देखने को मिलता है। देश के विभिन्न क्षेत्र के लोग छुट्टी लेकर इस पर्व को देखने यहां आते हैं। वहीं देश के उत्तरी भाग में इस दौरान शारदीय नवरात्रि मनाए जाते हैं क्योंकि इस दौरान नौ दिनों आदि शक्ति के विभिन्न स्वरूपों की अराधना होती है।
Navratri 2023 Dates in October
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह 2023 के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 14 अक्तूबर की रात 11:24 बजे होगा और यह 16 अक्तूबर की सुबह 01:13 बजे तक रहेगा। यानी उदया तिथि के आधार पर शारदीय नवरात्रि 2023 का आरंभ 15 अक्तूबर 2023 से होगा। इस बार पूरे नौ नवरात्रि रहेंगी तो शारदीय नवरात्र 2023 का समापन 23 अक्तूबर को होगा। 24 अक्तूबर को दशमी तिथि पर विजयादशमी यानी दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा।
मां दुर्गा के अस्त्र शस्त्र के नाम
देवी मां असीम शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी 10 भुजाओं में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र, शंख और कमल पुष्प हैं। तलवार, त्रिशूल, चक्रपाणि और गदा से सुशोभित देवी दुर्गा असुरों का संहार करने वाली और सुख, शांति शक्ति और समृद्धि देने वाली है।
- त्रिशूल : त्रिशूल भगवान शंकर की असीम शक्ति का भी प्रतीक है। देवी दुर्गा के हाथों में भी यह सुशोभित है। त्रिशूल को त्रिदेवों का सूचक माना गया है अर्थात भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जो सृष्टि के सृजन,सं रक्षण और नाश के प्रतीक हैं। इन्हीं त्रिदेवों में से एक भगवान शंकर के द्वारा देवी को त्रिशूल प्रदान किया गया।
- चक्र : चक्र निरंतर गति का प्रतीक है जो जीवन और मृ्त्यु के सत्य को बताता है और देवी दुर्गा की शाश्वत शक्ति का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के द्वारा देवी को सुदर्शन चक्र दिया गया। यह दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है ।
- खड्ग : मां दुर्गा के हाथ में सुशोभित खड्ग ज्ञान का प्रतीक है। इसका तेज अज्ञानता से ज्ञान की ओर जाने के संकेत देता है। ज्ञान ऐसा माध्यम है जिसके सहारे आप जीवन की विभिन्न कठिनाइयों को पार कर जाते हैं। इसकी चमक और आभा बताती है कि मनुष्य को अज्ञानता के अथाह सागर से निकलकर ज्ञान के प्रकाश कि ओर आगे बढ़ना चाहिए।
- गदा : देवी के हाथ में शोभायमान गदा शक्ति का प्रतीक है। यह बाधाओं और शत्रुओं को कुचलने का उन्हें नाश करने का भी प्रतीक है। शंख : शंख की ध्वनि सृजन की ध्वनि मानी गई है। यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर हमारे शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। शंख की ध्वनि बुराई पर अच्छाई की जीत की घोषणा का प्रतीक है। तभी युद्ध के आह्वान के पहले शंख बजाया जाता है।
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