Maa Shailputri Vrat Katha: नवरात्रि के पहले दिन पढ़ें मां शैलपुत्री की कथा, सुख से भर जाएगा जीवन
Navratri 2024 1st Day, Maa Shailputri Vrat Katha In Hindi (मां शैलपुत्री की व्रत कथा): नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार माता के इस रूप की उपासना करने से सुखों में वृद्धि होती है। जानिए नवरात्रि के पहले दिन की देवी की कथा।
Shardiya Navratri 2024 Day 1, Maa Shailputri Vrat Katha
Navratri 2024 1st Day, Maa Shailputri Vrat Katha In Hindi (मां शैलपुत्री की कथा pdf): पहला नवरात्रि के दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान बताया गया है। कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से मां शैलपुत्री की पूजा करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां का ये रूप अत्यंत मनमोहक और दिव्य है। माता बैल की सवारी करती हैं और इनके एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे में कमल का फूल है। माता शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर हुआ था। चलिए आपको बताते हैं मां शैलपुत्री की पावन कथा।
Navratri 1st Day Vrat Katha (मां शैलपुत्री व्रत कथा)
नवरात्रि के पहले दिन की पौराणिक कथा के अनुसार माता शैलपुत्री पूर्व जन्म में राजा दक्ष की पुत्री सती थीं जिनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। राजा दक्ष भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे। लेकिन माता सती के हट के कारण उन्हें अपनी बेटी का विवाह भोलेनाथ से कराना पड़ा। कहते हैं एक बार राजा दक्ष ने अपने घर पर एक बड़े यज्ञ का आयोजन करवाया। जिसमें उन्होंने माता सती और शिवजी को छोड़कर सभी देवी देवताओं और ऋषि मुनियों को आमंत्रित किया। माता सती ने भगवान शिव से इस यज्ञ में जाने की अनुमति मांगी। माता सती की बार-बार आग्रह पर भोलेनाथ ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी।
जब माता सती वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि उनकी माता के अलावा कोई भी उनके आने से खुश नहीं है। जब उन्होंने अपने पिता यानी राजा दक्ष के मुख से अपने पति के लिए अपशब्द सुनें। तो उन्होंने दुख में यज्ञ वेदी मे कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। इसके बाद माता सती ने शैलपुत्री के रूप में पर्वतराज हिमालय के घर में अगला जन्म लिया। कहते हैं शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शिव से हुआ था।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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