Maa Skandamata Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि के पांचवें दिन होती है मां स्कंदमाता की पूजा, पढ़ें इनकी व्रत कथा
Navratri 2024 5th Day, Maa Skandamata Vrat Katha In Hindi (मां स्कंदमाता की व्रत कथा): नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। मान्यता है इनकी पूजा से बुध ग्रह मजबूत होता है। यहां देखें मां स्कंदमाता की व्रत कथा।

Maa Skandamata Vrat Katha
Navratri 2024 5th Day, Maa Skandamata Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि के पांचवें दिन की देवी हैं मां स्कंदमाता। कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। पौराणिक कथाओं अनुसार स्कंदमाता मां पार्वती का ही रौद्र रूप है। जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है उनके लिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा बेहद फलदायी साबित होती है। कहते हैं देवी दुर्गा के सभी रूपों में मां स्कंदमाता का स्वरूप सबसे सुंदर है जो मन मोह लेता है। यहां देखें मां स्कंदमाता की कथा।
मां स्कंदमाता की कथा (Maa Skandamata Vrat Katha In Hindi)
पौराणिक कथा के अनुसार तारकासुर नाम का एक राक्षस था जिसने भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे वरदान मांगने को कहा। तारकासुर ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मां लिया। लेकिन ब्रह्मा जी ने तारकासुर को समझाया कि जिस किसी ने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी होगी यही प्रकृति का नियम है। इस पर तारकासुर ने भगवान शिवजी के पुत्र के हाथों मृत्यु का वरदान मांग लिया क्योंकि तारकासुर को लगता था कि शिव को सन्यासी है वो कभी विवाह नहीं करेंगे। ऐसे में उनका पुत्र भी नहीं होगा और उसकी मृत्यु भी नहीं होगी। ब्रह्मा जी ने तारकासुर को ये वरदान दे दिया।
वरदान मिल जाने के बाद तारकासुर ने अत्याचार करना शुरू कर दिया। सभी देवता राक्षस से परेशान होकर शिवजी के पास पहुंचे। फिर शिवजी ने माता पार्वती से विवाह किया। जिसके बाद भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ। कार्तिकेय जी ने बड़ा होने पर राक्षस तारकासुर का वध किया। कार्तिकेय जी को स्कंद भी कहा जाता है। इसलिए भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय की माता होने के कारण देवी दुर्गा को स्कंदमाता भी कहा जाने लगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

Jagannath Rath Yatra 2025 Live Updates: कब गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे भगवान जगन्नाथ, जानें कब- कब क्या होगा? देखें, मंत्र और आरती लिरिक्स

Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ की रस्सी क्यों है इतनी खास? जानें क्या है इनका नाम और आध्यात्मिक महत्व

Muharram 2025 Date in India: कब दिखेगा मुहर्रम का चांद? तारीख के साथ जानें मुहर्रम क्यों है अर्थ और यह शोक का महीना

शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या है अंतर? जानें, कहां से हुई इनकी उत्पत्ति

Durga Chalisa Lyrics: नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी... गुप्त नवरात्रि के नौ दिन करें दुर्गा चालीसा का पाठ
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited