Navratri 2024 5th Day, Maa Skandmata Ki Puja Vidhi: नवरात्रि के पांचवें दिन कैसे करें माता स्कंदमाता की पूजा, नोट कर लें पूजा-विधि, भोग, मंत्र और आरती

Navratri 2024 5th Day Maa Skandmata Puja Vidhi, Mantra, Aarti: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। स्कंदमाता को केले का भोग प्रिय है। आइये जानते हैं, माता स्कंदमाता की पूजा विधि, मंत्र और आरती।

Navratri 2024 5th Day, Maa Skandmata Puja Vidhi, Vrat Katha, Timings, Mantra, Aarti

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Navratri 2024 5th Day Maa Skandmata Puja Vidhi and Mantra: नवरात्रि के 9 दिन माता के भक्तों के लिए बेहद खास होते हैं। इन 9 दिनों में माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। कल यानी 13 अप्रैल को नवरात्रि का पांचवा दिन है। इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अराधना की जाती है। मां स्कंदमाता की मूर्ति में भगवान कार्तिकेय उनकी गोद में विराजमान नजर आते हैं। ऐसा माना जाता है कि माता की पूजा करने से आपको हर तरह की चिंताओं से छुटकारा मिलता है और धन की प्राप्ति होती है। माता का यह स्वरूप संतान की कामना की पूर्ति करता है। आइये जानते हैं मां स्कंदमाता की पूजा की विधि, मंत्र, आरती और प्रिय भोग समेत सबकुछ

मां स्कंदमाता की पूजा विधि (Maa Skandmata Puja Vidhi)

1) नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रात: स्नान के बाद पीले रंग का वस्त्र धारण कर पूजा करें।
2) पूजा के लिए लाल पुष्प लेकर माता का स्मरण करें।
3) देवी को गंध, अक्षत, धूप, फूल, फल, बताशा, पान, लौंग, इलायची अर्पित करें। धूप और दीप जलाएं।
4) माता को उनके प्रिय केले से भोग लगाएं। माता की आरती करें और शंख बनाएं।
5) माता को लाल रंग की चूनर और सुहाग की वस्तुएं अर्पित करें।
6) मां स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करने का विशेष महत्व है।

मां स्कंदमाता मंत्र (Maa Skandmata Mantra)

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां स्कंदमाता की आरती (Maa Skandmata Aarti)

जय तेरी हो स्कंद माता.
पांचवां नाम तुम्हारा आता..
सबके मन की जानन हारी.
जग जननी सबकी महतारी..
तेरी जोत जलाता रहू मैं.
हरदम तुझे ध्याता रहू मै..
कई नामों से तुझे पुकारा.
मुझे एक है तेरा सहारा..
कही पहाडो पर है डेरा.
कई शहरों में तेरा बसेरा..
हर मंदिर में तेरे नजारे.
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे..
भक्ति अपनी मुझे दिला दो.
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो..
इंद्र आदि देवता मिल सारे.
करे पुकार तुम्हारे द्वारे..
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए.
तू ही खंडा हाथ उठाए..
दासों को सदा बचाने आयी.
भक्त की आस पुजाने आयी..
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Srishti author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर कॉपी एडिटर कार्यरत हूं। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में मेरी सबसे ज्यादा दिलचस्पी...और देखें

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