Navratri Kanya Pujan Vidhi 2024: नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे करें और कन्याओं का क्या गिफ्ट देना चाहिए
Navratri Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। जो लोग नवरात्रि में व्रत रखते हैं वो तो जरूर ही कन्या पूजन करते हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कन्या पूजन की सरल विधि।
Navratri Kanya Pujan Vidhi
Kanya Pujan Vidhi, Gift, Mahatva: नवरात्र में कन्या पूजन का बहुत महत्व है। इस दौरान कन्या के चरण धोकर उनका पूजन करके उनको स्वादिष्ट भोजन कराके कुछ द्रव्य और वस्त्र का दान किया जाता है। कन्या पूजन 2 वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्याओं का किया जाता है। कन्या पूजन के लिए कन्याओं को घर बुलाया जाता है। घर आने पर उनका सबसे पहले पैर धोया जाता है। इसके बाद उनके माथे पर टीका लगाया जाता है और हाथ में कलावा बांधा जाता है। इसके बाद उन्हें भोजन खिलाया जाता है। अंत में उन्हें कुछ उपहार दिए जाते हैं। यहां आप जानेंगे किस उम्र की कन्या को क्या गिफ्ट देना शुभ होता है।
Kanya Pujan Muhurat On Ashtami And Navami 2024
Kanya Pujan Gift (कन्या पूजन में क्या उपहार दें)
दो वर्ष की कन्या का पूजन: कुमारी कन्या के रूप में पूजा की जाती है। ऐसी कन्याओं के पूजन से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। धन दान के अलावा लाल या नारंगी रंग की चुनरी दान की जाती है।
तीन वर्ष की कन्या का पूजन: इन कन्याओं का पूजन त्रिमूर्ति के रूप में किया जाता है। इन देवियों को सफेद रंग के वस्त्र और पीले रंग के वस्त्र दान किये जाते हैं। इन कन्याओं का पूजन करने से रोग का नाश होता है तथा जीवन मे सभी प्रकार के कष्टों का शमन होता है।
चार वर्ष की कन्या का पूजन: इनका पूजन कल्याणी के रूप में किया जाता है। इन कन्याओं के पूजन से कल्याण होता है। छात्र शिक्षा तथा प्रतियोगिता में सफलता की प्राप्ति करते हैं। धन की प्राप्ति होती है। राजनीतिज्ञों को सत्ता की प्राप्ति होती है। इन कन्याओं को लाल रंग की चुनरी दान करना चाहिए।
पांच वर्ष की कन्या का पूजन: इन कन्याओं का पूजन रोहिणी के रूप में की जाती है। श्वेत रंग के वस्त्र दान किया जाता है। स्वास्थ्य सुख में वृद्धि के लिए यह पूजन बहुत लाभ करता है।
छः वर्ष की कन्या का पूजन: ऐसी कन्याओं का पूजन माता कालिका के रूप में की जाती है। काला और नीला वस्त्र दान करते हैं। नारंगी वस्त्र भी दान करते हैं। शत्रु विनाश के लिए यह बहुत प्रभावशाली पूजा है।
सात वर्ष की कन्या का पूजन: माता चंडिका के रूप में पूजन किया जाता है। धन की प्राप्ति होती है। पीले और सफेद रंग के वस्त्र दान करें।
आठ वर्ष की कन्या का पूजन: शाम्भवी माता के रूप में पूजन की जाती है। धन, यश तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति के लिए यह पूजन बहुत आवश्यक है। ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति के लिए यह पूजन बहुत फलदायी होती है। नारंगी रंग की चुनरी दान की जाती है।
नव वर्ष की कन्या का पूजन: माता दुर्गा के रूप में पूजन की जाती है। लाल रंग की चुनरी दान की जाती है। माता के इस रूप की पूजा से सर्व कामना की प्राप्ति होती है।
दस वर्ष की कन्या का पूजन: माता सुभद्रा के रूप में पूजन किया जाता है। ऐसी कन्याओं के पूजन से शुभ फल की प्राप्ति होती है। लाल रंग की चुनरी दान की जाती है।
इस प्रकार माता की पूजा में कन्या पूजन का बहुत महत्व है। कन्या पूजन से माता प्रसन्न होती हैं। समस्त लोगों को कन्या और स्त्री शक्ति का सम्मान करना ही नवरात्रि पूजन का असली महात्म्य है।
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