Saraswati Puja In Navratri 2024: नवरात्रि में कब है सरस्वती पूजा, जान लें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग और महत्व
Saraswati Puja In Navratri 2024: नवरात्रि में सरस्वती पूजा का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस चार दिवसीय उत्सव का पहला दिन सरस्वती आवाहन के नाम से जाना जाता है, दूसरा दिन सरस्वती पूजा, तीसरा दिन सरस्वती बलिदान और चौथा दिन सरस्वती विसर्जन का होता है।
Saraswati Puja In Navratri 2024
Saraswati Puja In Navratri 2024 Date, Time, Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि के दौरान सरस्वती पूजा का उत्सव भी मनाया जाता है। जो नवरात्रि के सातवें दिन से लेकर दशहरा के दिन तक चलता है। सरस्वती पूजा के पहले दिन पूजा मंडप या वेदी स्थापित की जाती है और फिर आखिरी दिन पर विधि विधान सरस्वती जी की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। ये उत्सव मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों में अधिक लोकप्रिय है। चलिए आपको बताते हैं सरस्वती पूजा की तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि।
नवरात्रि सरस्वती पूजा 2024 (Saraswati Puja In Navratri 2024)
सरस्वती पूजा का दिन | तारीख | तिथि | अनुष्ठान |
सरस्वती पूजा का पहला दिन | 9 अक्टूबर 2024, बुधवार | षष्ठी | सरस्वती आवाहन |
सरस्वती पूजा का दूसरा दिन | 10 अक्टूबर 2024, गुरुवार | सप्तमी | सरस्वती पूजा, आयुध पूजा |
सरस्वती पूजा का तीसरा दिन | 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार | अष्टमी | सरस्वती बलिदान |
सरस्वती पूजा का चौथा दिन | 12 अक्टूबर 2024, शनिवार | नवमी | सरस्वती विसर्जन |
सरस्वती आवाहन पूजा मुहूर्त 9 अक्टूबर की सुबह 10:25 से शाम 04:42 बजे तक रहेगा। मूल नक्षत्र प्रारम्भ 9 अक्टूबर 2024 को 04:08 AM पर होगा और इसकी समाप्ति 10 अक्टूबर को 05:15 बजे होगी।
सरस्वती प्रधान पूजा का समय 2024 (Saraswati Pradhan Puja Time 2024)
सरस्वती प्रधान पूजा मुहूर्त 10 अक्टूबर की सुबह 11:22 से शाम 05:28 बजे तक रहेगा। पूर्वाषाढा नक्षत्र का प्रारम्भ 10 अक्टूबर 2024 को 05:15 AM पर होगा और इसकी समाप्ति 11 अक्टूबर 2024 को 05:41 AM पर होगी।
सरस्वती बलिदान पूजा का समय 2024 (Saraswati Balidan Puja Time 2024)
सरस्वती बलिदान पूजा समय 11 अक्टूबर की सुबह 11:37 से शाम 05:33 बजे तक रहेगा। उत्तराषाढा नक्षत्र का प्रारम्भ 11 अक्टूबर 2024 को 05:41 AM बजे से होगा और इसकी समाप्ति 12 अक्टूबर 2024 को 05:25 AM पर होगी।
सरस्वती विसर्जन का समय 2024 (Saraswati Visarjan Time 2024)
सरस्वती विसर्जन का समय 12 अक्टूबर की सुबह 06:20 से सुबह 11:11 बजे तक रहेगा। श्रवण नक्षत्र का प्रारम्भ 12 अक्टूबर 2024 को 05:25 AM बजे होगा और इसकी समाप्ति 13 अक्टूबर 2024 को 04:27 AM पर होगी।
नवरात्रि सरस्वती पूजा सामग्री (Navratri Saraswati Puja Samagri)
- सरस्वती जी की तस्वीर या मूर्ति
- पूजा की थाली
- फूल
- अक्षत
- चंदन
- कुमकुम
- धूप
- दीप
- पूजा की वस्तुएं
नवरात्रि सरस्वती पूजा विधि (Navratri Saraswati Puja Vidhi)
सरस्वती पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा स्थान पर सरस्वती जी की तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद एक थाली में फूल, अक्षत, चंदन और कुमकुम रखें। फिर माता सरस्वती की विधि विधान पूजा करें। इसके बाद माता के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद सरस्वती जी को फूल और अक्षत चढ़ाएं। अंत में मां सरस्वती की आरती करें। पूजा के समापन पर प्रसाद सभी में बांट दें।
सरस्वती माता के मंत्र (Saraswati Mata Ke Mantra)
- ॐ सरस्वत्यै नमः
- ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः
नवरात्रि सरस्वती पूजा कैसे मनाई जाती है? (Navratri Saraswati Puja Kaise Manai Jati Hai)
नवरात्रि में सरस्वती पूजा मंडप या वेदी स्थापित करके मनाई जाती है। इस दौरान माता के मंडप को फूलों, फलों और अन्य प्रसादों से सजाया जाता है। छात्र और पेशेवर लोग इस दौरान अपनी किताबें और उपकरण देवी मां के चरणों में अर्पित करते हैं। साथ ही अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक कार्यों में सफलता के लिए माता से प्रार्थना करते हैं। नवरात्रि में सरस्वती पूजा से जुड़े महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापना करना। फिर पंडित जी द्वारा सरस्वती मंत्रों का पाठ करना, फूल, फल और मिठाई चढ़ाना और सभी को प्रसाद बांटना आदि शामिल है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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