Navratri 8th Day Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि के आठवें दिन की कथा, पढ़ें मां महागौरी की पौराणिक कहानी
Navratri 2024 8th Day, Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi (मां महागौरी की व्रत कथा): नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। यहां देखें नवरात्रि के आठवें दिन की व्रत कथा हिंदी में (navratri ke aathven din ki katha)।
Navratri 8th Day Vrat Katha In Hindi
Navratri 8th Day, Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi (मां महागौरी की व्रत कथा): नवरात्रि का आठवां दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप को समर्पित है। माता रानी का यह स्वरूप खुशियां प्रदान करने वाला माना जाता है। मां महागौरी बैल की सवारी करती हैं और सफेद रंग के कपड़े पहने हुए हैं। मां को शांभवी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि यदि नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की विधि विधान पूजा करके यज्ञ में आहुति दी जाए तो व्यक्ति आर्थिक और मानसिक परेशानियां दूर हो जाती हैं। यहां पढ़ें नवरात्रि के आठवें दिन की व्रत कथा।
Navratri 8th Day Vrat Katha In Hindi, नवरात्रि के आठवें दिन की व्रत कथा
मां महागौरी से संबंधित दो कथाएं हैं- पहली कहानी के अनुसार देवी महागौरी 16 वर्ष की वो अविवाहित कन्या हैं जिन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के वर्षों कठोर तपस्या की थी।उनके त्वचा पर धूल जम गई जिससे वह काली दिखाई देने लगीं। मां की इस कठोर तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए और उन्होंने देवी महागौरी को विवाह का वचन दिया। इसके बाद जल से मां पार्वती की मिट्टी और धूल को साफ किया गया जिससे उनका सफेद रंग पुनः वापिस आ गया। इस तरह से उनका नाम महागौरी पड़ा।
मां महागौरी से संबंधित दूसरी कथा के अनुसार शुंभ और निशुंभ दो राक्षस पृथ्वी पर तबाही मचाने लगे थे। जिसका अंत केवल देवी ही कर सकती थीं। तब भगवान ब्रह्मा की सलाह पर भगवान शिव ने देवी पार्वती की त्वचा को काला कर दिया। देवी पार्वती ने अपना रूप रंग फिर से प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की। तब भगवान महादेव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें मानसरोवर में स्नान करने की सलाह दी। मानसरोवर के जल में स्नान करने से देवी पार्वती की काली छवि फिर से श्वेत हो गई। माता के इस रूप को कौशिकी कहा गया।
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