Navratri Aarti Lyrics, Ambe Mata Ki Aarti, Kali Mata Ki Aarti, Ganesh Ji Ki Aarti Check Here
Navratri 2024 Aarti In Hindi (नवरात्रि पूजा आरती): नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की विधि विधान पूजा की जाती है। साथ ही कुछ विशेष आरतियां जरूर की जाती है। जिनमें पहली आरती है अंबे तू है जगदम्बे काली आरती (Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics) और दूसरी है जय अंबे गौरी आरती (Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics)। ध्यान रखें कि इन आरतियों को करने से पहले गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti) जरूर करें। नवरात्रि के पावन पर्व में इन दोनों आरतियों को पूजा के समय जरूर गाया जाता है। मान्यता है इन आरतियों को करने से जीवन के समस्त दुख दूर हो जाते हैं। यहां देखें नवरात्रि आरती के लिरिक्स।
गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥एकदंत दयावंत चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश...
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजै सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
मां अम्बे गौरी की आरती (Ambe Ji Ki Aarti, Jai Ambe Gauri)
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥2॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥3॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥4॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥5॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥7॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥8॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥9॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥10॥
आरती काली जी की (Maa Kali Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेर ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
तेर भक्त जनो पर मैया भीड़ पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी ।
सौ सौ सिंघो से है बलशाली, दस दस भुजाओं वाली,
दुष्टों को पल में संघारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
माँ बेटे की है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता ।
सबपे करुना दरसाने वाली,अमृत बरसाने वाली,
दुखिओं के दुखड़े निवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना,
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना ।
सब की बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
चौदस के दिन तेरे भवन पे भीड़ लगे है भारी,
जो कोई मांगे सोई मिलता कहती दुनिया सारी |
मैया तू है देने वाली , ना कोई आवे खाली
भक्तो के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥
अंबे माता की आरती करने के लाभ
धार्मिक मान्यताओं अनुसार माता रानी की आरती करने से अध्यात्मिक शक्तियां बढ़ती हैं। इससे मानसिक शांति मिलती है और मन शुद्ध हो जाता है। इन आरतियों को करने से एकाग्रता में सुधार होता है जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहता है।