Navratri Hawan Vidhi Aur Mantra: नवरात्रि नवमी पर कैसे करें हवन पूजन, जान लें पूरी विधि मंत्र सहित

Navratri Hawan Vidhi Mantra (नवरात्रि हवन विधि मंत्र pdf): नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि पर हवन पूजन करने का विशेष महत्व माना गया है। हवन पूजन के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ माना जाता है। जहां हवन करना है वहां हवन से जुड़ी सारी सामग्री रख लें। सबसे पहले एक वेदी बनाएं और फिर उस पर हवन कुंड रखें। फिर एक बड़ी थाली में हवन सामग्री में घी मिलाकर रख लें।

Navratri Hawan Vidhi Mantra In Hindi

Navratri Hawan Vidhi Mantra (नवरात्रि हवन विधि मंत्र pdf): नवरात्र में नवमी के दिन हवन करते हैं। कोई भी पूजा और मंत्र का फल बिना जप व हवन के अपूर्ण है। किसी भी वैदिक पूजा में तो हवन का महत्व और बढ़ जाता है। ग्रहों के बीज मंत्र की निश्चित संख्या होती है, उतनी संख्या में जप या कलयुग में तो संख्या का चार गुना जप करना पड़ता है उसका दशांश हवन अति आवश्यक है। नवरात्र में माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गाशप्तशती के विभिन्न मंत्रों से माता को प्रसन्न करने के लिए हवन करते हैं।

नवरात्रि हवन विधि (Navratri Hawan Vidhi In Hindi)

आम की लकड़ी आमतौर पे हवन हेतु प्रयोग की जाती है। हवन की सम्पूर्ण सामाग्री चाहिए। जौ का प्रयोग नवरात्र के हवन में अवश्य करना चाहिए। तिल के प्रयोग से आध्यात्मिक उत्कर्ष एवं कष्टों का शमन होता है। गुड़ का प्रयोग मंगल और सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए है। चीनी चंद्रमा और शुक्र के लिए है। गाय के ही घी का प्रयोग करें। घी अग्नि में आवश्यक है। घी वैसे भी शुक्र का प्रतीक है। सूखे हवन वाले नारियल का प्रयोग अंत मे करते हैं उसपे घी का लेपन करके अग्नि को समर्पित करते हैं। हवन नवरात्र पूजा की परिपूर्णता है। इससे माता प्रसन्न होती हैं और ग्रहों को भोजन मिलता है। एक विशेष बात तांत्रिक पूजा के हवन की विधि और द्रव्य वैदिक पूजा से अलग होते हैं। बंगलामुखी पूजा के हवन में सरसो का प्रयोग किया जाता है। नवग्रह की लकड़ी का प्रयोग आपको प्रत्येक हवन में करना ही करना है।

नवरात्रि हवन मंत्र pdf (Navratri Hawan Mantra pdf)

  • दुर्गाशप्तशती में सप्तश्लोकी दुर्गा में वर्णित मंत्रों से हवन अवश्य करें।
  • बीज मंत्र ॐ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः इससे हवन करें।
  • 'देहि सौभाग्य मारोग्यम देहिमें परमम सुखम, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।' इस महामंत्र में सभी मनोकामनाएं सन्निहित हैं।
  • श्री रामचरितमानस की किसी भी मंत्र से भी हवन कर सकते हैं।
  • नवरात्र में ब्रम्हमुहूर्त में श्री राम रक्षा स्तोत्र में वर्णित किसी भी मंत्र से हवन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • मुकदमें में विजय और विजय की प्राप्ति हेतु तथा राजनीति में सफलता हेतु श्री बंगलामुखी मंत्र से हवन करें।
  • श्री हनुमान चालीसा के मंत्रों से भी हवन कर सकते हैं।
  • महामृत्युंजय मंत्र से हवन भी आपको स्वास्थ्य सुख प्रदान करेगा।
  • माता दुर्गा के 32 नाम से हवन करें।
  • माता के 108 नामों से हवन करें।
  • नवरात्र में सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ करके उसमें वर्णित बीज मंत्र से हवन करें।
इस प्रकार नवरात्र में हवन का विशेष महत्व है। किसी भी मनोकामना की पूर्ति हेतु हवन आवश्यक है। माता जगतजननी आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी। इस प्रकार सरल विधि से आप घर पर भी हवन कर सकते हैं।
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