Navratri Samapan 2023, Havan Vidhi: चैत्र नवरात्रि महानवमी पर ऐसे करें हवन पूजन और कन्या पूजन, जानें पूरी विधि यहां

Chaitra Navratri Samapan 2023, Maha Navami Hawan Samagri, Vidhi, Mantra And Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन और हवन पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। जानें कैसे नवरात्रि व्रत के समापन की पूरी विधि यहां।

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Navratri Havan Samagri, Havan Mantra: नवरात्रि हवन सामग्री, हवन मंत्र और कन्या पूजन विधि

Chaitra Navratri Samapan 2023, Havan Samagri, Vidhi, Mantra: चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन यानी महानवमी (Maha Navami) के दिन नवरात्रि पर्व का समापन हो जाता है। इस दिन राम नवमी (Ram Navami) भी मनाई जाती है। नवरात्रि के इस आखिरी दिन लोग अपने घरों में मां सिद्धिदात्री (Siddhidatri) की पूजा करते हैं। नवमी तिथि पर हवन पूजन करने और कन्या पूजन करने का भी विशेष महत्व माना गया है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति विधि विधान हवन करके कन्याओं की पूजा करता है उसे नवरात्रि के नौ दिन की पूजा संपूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। जानिए नवरात्रि महानवमी कन्या पूजन और हवन विधि।

नवरात्रि नवमी पर शुभ योगों का संयोग (Navratri Navami 2023)

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि पर यानी 30 मार्च 2023 को चार शुभ योगों का भी संयोग बन रहा है: गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और रवि योग। गुरु पुष्य योग 30 मार्च को 10 बजकर 59 मिनट से 31 मार्च सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। अमृत सिद्धि योग 30 मार्च को 10 बजकर 59 मिनट से 31 मार्च को सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग पूरे दिन ही रहने वाला है।

चैत्र नवरात्रि महा नवमी हवन महत्व (Chaitra Navratri Maha Navami Havan Significance)

हिंदू धर्म में पूजा के बाद हवन करने का विशेष महत्व माना गया है। हवन करने से सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं जिससे आपको पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि कोई भी व्रत हो इसका समापन हवन से करना चाहिए। कहते हैं नवरात्रि के अंतिम दिन हवन करने से आपको पूरे नौ दिन के व्रत का संपूर्ण लाभ प्राप्त हो जाता है। हवन के बाद कन्या पूजन किया जाता है । आइए जानते हैं घर पर किस प्रकार आसान तरीके से हवन कर सकते हैं ।

नवरात्रि हवन सामग्री (Navratri Hawan Samagri)

हवन कुंड ,आम की लकड़ी, चंदन की लकड़ी ,चावल,काले तिल , जौ, पंचमेवा, , लोबान, कमलगट्टा,सुपारी , कपूर ,घी ,चीनी , धूप,नारियल, बेलपत्र, गुग्गुल ।

नवरात्रि हवन मंत्र (Navratri Havan Mantra)

  • ओम आग्नेय नम: स्वाहा
  • ओम गणेशाय नम: स्वाहा
  • ओम गौरियाय नम: स्वाहा
  • ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
  • ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
  • ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
  • ओम हनुमते नम: स्वाहा
  • ओम भैरवाय नम: स्वाहा
  • ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
  • ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
  • ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
  • ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
  • ओम शिवाय नम: स्वाहा
  • ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा
  • ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा
  • ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा
  • ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते
  • ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा

नवरात्रि हवन विधि (Navratri Havan Vidhi)

1. हवन शुरू करने से पहले गणेश जी का ध्यान करें।
2. इसके बाद हवन के स्थान को शुद्ध कर लें और सभी समान को गंगाजल से शुद्ध कर लें।
3. फिर शुभ स्थान पर हवन कुंड रखें।
4. सभी सामग्री को एक जगह साथ में रख लें।
5. हवन कुंड में आम की लकड़ी डालें, फिर कपूर जलाकर उसे लकड़ियों के बीच में रख दें।
6. फिर मंत्रोच्चारण करते हुए हवन में घी डालें।
7. इसके बाद भगवान गणेश, देवी दुर्गा, अग्नि देव, पंचदेव, नवग्रह, ग्राम देवता, नगर देवता के नाम से आहुति दें।
8. फिर दुर्गा शक्ति मंत्र से 108 बार हवन में आहुति दें।
9. अंत में एक सूखा नारियल लें। उसे ऊपर से थोड़ा सा काटकर उसमें घी भर दें।
10. फिर उस नारियल पर कलावा बांध लें और पान, सुपारी, लौंग, इलायची और अन्य प्रकार के प्रसाद उसके अंदर भर दें।
11. फिर पूर्ण आहुति देते हुए हवन अग्नि में नारियल को ऊपर से नीचे 'ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।' मंत्र का जाप करते हुए डाल दें।
12. फिर माता की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं।
13. इस तरह हवन करने के बाद कन्या पूजन करें।

नवरात्रि कन्या पूजन विधि (Navratri Kanya Pujan Vidhi)

चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन 9 कन्याओं के साथ एक बालक को घर बुलाएं। सबसे पहले साफ पानी से इनके पैर धोएं और उन्हें पवित्र स्थान पर बिठाएं। इसके बाद उनके माथे पर तिलक और हाथ में कलावा बांधे। फिर उन्हें हलवा, पूरी और चने का भोग लगाएं। साथ में कोई गिफ्ट या दक्षिणा दें। फिर अंत में उन्हें पानी पिलाएं और पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इस तरह से कन्या पूजन संपन्न करें।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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