Navratri Shlok In Sanskrit: इन 7 श्लोकों में समाया है दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ, जानें इसके जाप के फायदे
नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत (Navratri Shlok In Sanskrit): चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर हम आपको बताने जा रहे हैं मां दुर्गा के ऐसे श्लोकों के बारे में जिनके पाठ से आप मां की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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Navratri Shlok In Sanskrit
नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत (Navratri Shlok In Sanskrit): नवरात्रि के दिनों में भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का भी खास महत्व माना जाता है। लेकिन इस पाठ को करना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं दुर्गा सप्तशती के उन श्लोकों के बारे में जिनके पाठ से आप संपूर्ण पाठ करने के बराबर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि इन श्लोकों में दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का सार छुपा हुआ है। तो चलिए जानते हैं नवरात्रि के श्लोक।
नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत (Navratri Shlok In Sanskrit)
- ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।1।।
- दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्य दुःख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता।।2।।
- सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते॥3॥
- शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोस्तु ते॥4॥
- सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥5॥
- रोगानशेषानपंहसि तुष्टारुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हि आश्रयतां प्रयान्ति॥6॥
- सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम्॥7॥
दुर्गा सप्तशती के 7 श्लोकों का अर्थ
इन श्लोकों में भगवान शिव ने माता पार्वती के रूप और उनके अवतारों का वर्ण किया है। यह 7 श्लोक दुर्गासप्तश्लोकी के हैं। इन श्लोकों में माता रानी के दिव्य तेज और उनके सौंदर्य और साहस का वर्णन किया गया है।
दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के लाभ
दुर्गा सप्तशती के इन श्लोकों का पाठ करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही साहस में वृद्धि होती है। अगर महिलाएं इन श्लोकों का पाठ करती हैं तो उनकी सुंदरता और वीरता बढ़ती है। इतना ही नहीं इन श्लोकों के पाठ से संतान, वैवाहिक सुख, मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी समेत तमाम खुशियों की प्राप्ति होती है।
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