नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत: या देवी सर्वभुतेषु शांतिरूपेण संस्थिता...इन श्लोक मंत्र से करें माता रानी की उपासना, पूरी होगी हर कामना

नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत (Navratri Shlok Mantra In Sanskrit): नवरात्रि में मां अंबे की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो इन श्लोक और मंत्रों से करें उनकी अराधना। हर मनोकामना हो जाएगी पूर्ण।

Navratri Shlok In Sanskrit

Navratri Shlok In Sanskrit

नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत (Navratri Shlok Mantra In Sanskrit): या देवी सर्वभुतेषु दयारूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः...माता रानी की कृपा पाने के लिए इस श्लोक और मंत्र का जाप बेहद उत्तम माना जाता है। 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं जो 11 अक्टूबर तक चलेंगे। इन नौ दिनों में मां अंबे का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो उनके श्लोक और मंत्रों का सच्चे मन से जाप जरूर करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी। यहां देखें नवरात्रि श्लोक मंत्र।

नवरात्रि श्लोक इन संस्कृत (Navratri Shlok In Sanskrit)

  • या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि मंत्र इन संस्कृत (Navratri Mantra In Sanskrit)

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघंटेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्क्न्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च ।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः ।।

मां दुर्गा श्लोक मंत्र (Maa Durga Shlok Mantra In Sanskrit)

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।

माता रानी श्लोक इन संस्कृत (Mata Rani Shlok In Sanskrit)

  • ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति
  • दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्य दुःख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता
  • शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोस्तु ते
  • सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते
  • रोगानशेषानपंहसि तुष्टारुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हि आश्रयतां प्रयान्ति
  • सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम्

माता रानी के मंत्र (Mata Rani Ke Mantra)

नवरात्रि में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै मंत्र और ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि। तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् मंत्र का जाप अधिक से अधिक करना चाहिए।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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