8th Navratri Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि की अष्टमी को जरूर पढ़ें मां दुर्गा और राक्षस महिषासुर की कथा
Navratri 2024 8th Day, Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi: नवरात्रि में महाअष्टमी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर के आतंक से सभी को मुक्ति दिलाई थी। यहां पढ़ें महाअष्टमी की कथा।

8th Navratri Katha
Navratri 8th Day, Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi (मां महागौरी की व्रत कथा): नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन कई भक्त कन्या पूजन भी करते हैं। कहते हैं जो भक्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां की सच्चे मन से अराधना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां दुर्गा अपने महागौरी स्वरूप में भक्तों की सारी मुरादें पूरी करती हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा ने अष्टमी के दिन ही राक्षस महिषासुर का वध किया था। पढ़ें महाअष्टमी की व्रत कथा।
Maha Ashtami Puja Vidhi And Muhurat Check Here
8th Navratri Vrat Katha In Hindi (आठवें नवरात्रि की व्रत कथा)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार असुरों के राजा दंभ को पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम उसने महिषासुर रखा। महिषासुर शुरू से ही अमर होने की इच्छा रखता था। अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए उसने ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने की सोची। जिसके लिए उसने उनकी तपस्या आरंभ कर दी। महिषासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे मन-चाहा वरदान मांगने के लिए कहा। उसने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा। लेकिन ब्रह्मा जी ने महिषासुर की इस मांग को नहीं माना और इसके बदले में उसे कोई दूसरा वरदान मांगने को कहा। तब महिषासुर ने ब्रह्मा जी से कहा मुझे ऐसा वरदान दीजिए कि मुझे न तो कोई कोई दैत्य, न मानव और ना ही देवता, कोई भी मेरा वध न कर सके। मेरी मृत्यु किसी स्त्री के हाथ ही हो। (Mata Ke Bhajan)
ब्रह्मा जी ने महिषासुर की ये इच्छा पूरी करते हुए उसे वरदान दे दिया, जिसके बाद वह अहंकार में अंधा होकर सभी पर अत्याचार करने लगेगा। उसने अपनी सेना के साथ पृथ्वी लोक पर आक्रमण कर दिया। पृथ्वी पर चारों तरफ हाहाकार मच गया। कुछ समय बाद महिषासुर ने इन्द्रलोक पर भी आक्रमण कर दिया, और देव-राज इन्द्र से स्वर्ग छीन लिया। महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर देवी-देवता त्रिदेवों के पास पहुंचे। विष्णु जी की सलाह पर देवताओं ने मिलकर देवी शक्ति को सहायता के लिए पुकारा। तब सभी देवताओं के शरीर से निकले तेज से आदि-शक्ति प्रकट हुईं।
हिमवान ने देवी दुर्गा को सिंह दिया। इस तरह वहां मौजूद सभी देवताओं ने उन्हें अपना एक-एक अस्त्र-शस्त्र सौंपा। देवी के अत्यंत सुन्दर रूप को देखकर महिषासुर मोहित हो गया और उसने अपने एक दूत के जरिए उन तक विवाह का प्रस्ताव भेजा। महिषासुर की इस हरकत से देवी भगवती क्रोधित हुईं और उन्होंने महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा। इस तरह दोनों के बीच युद्ध की शुरुआत हुई और मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना का नाश कर दिया। युद्ध पूरे नौ दिनों तक चला और अंत में देवी भगवती ने महिषासुर का सिर काट उसका वध कर दिया। माना जाता है कि इसलिए इस दिन को महा अष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

Solar Eclipse Dos And Don't 2025: सूर्य ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो हो सकता है तगड़ा नुकसान

Solar Eclipse 2025, Surya Grahan Sutak Start End Time: सूर्य ग्रहण का सूतक कब से कब तक रहेगा? जानिए इस दौरान कौन से कार्य नहीं करने चाहिए

Chaitra Navratri 2025 Puja Samagri: चैत्र नवरात्रि कब से शुरू है, जान लें माता रानी की पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा

Surya Grahan For Pregnant Ladies 2025: सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से ऐसे बचें गर्भवती महिलाएं, जानिए क्या करें-क्या ना करें

Surya Grahan 2025 Horoscope Today: सूर्य ग्रहण से चमक उठेगी इन 4 राशियों की किस्मत, धन-दौलत की नहीं होगी कमी, लेकिन इन राशियों को रहना होगा सतर्क
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited