New Year 2023: कभी दस महीने का ही होता था एक साल, 12 महीने बनने की रोचक है कहानी

New Year 2023: नया साल को लेकर बड़ा रोचक किस्‍सा है। अभी हम जिस ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 12 माह का वर्ष मानते हैं, कभी यह वर्ष 10 माह का होता था। रोम के राजा नूमा पोंपिलुस के वार्षिक कैलेंडर में 12 की जगह 10 महीने होते थे। उस समय साल में 310 दिन और हफ्ता 8 दिन होते थे।

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नया साल जनवरी नहीं मार्च में होता था शुरू, जानें रोचक कहानी

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • रोम के राजा नूमा पोंपिलुस के वार्षिक कैलेंडर में होता था 10 माह
  • इस कैलेंडर के 10 माह में होते थे 310 दिन और सप्‍ताह में 8 दिन
  • अभी हम ग्रेगोरियन कैलेंडर के आधार पर देखते हैं वर्ष और तारीख

New Year 2023: नया साल आने में अब नाम मात्र के दिन बचे हें। 31 दिसंबर की रात 12 बजते ही हम वर्ष 2023 में प्रवेश कर जाएंगे। 1 जनवरी के साथ दुनियाभर में कैलेंडर बदल जाएंगे। इस बदलाव को सेलिब्रेट करने के लिए लोग इस समय जश्‍न की तैयारियों में जुटे है। सदियों से लोग एक जनवरी को नए साल की शुरूआत मानते हैं और एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर विश कर बधाई देते हैं। अगर हम कहें कि, हमेशा से नए साल की शुरुआत जनवरी से नहीं होता था और एक साल में सिर्फ 10 माह होते थे तो क्‍या आप मानेंगे ? पहली बार यह बात सुनने पर शायद कोई भी इसे सच न मानें, लेकिन यह पूरी तरह सच है। कुछ हजार साल पहले नए साल का जश्न जनवरी माह में नहीं, बल्कि मार्च माह में मनाया जाता था।

अभी हम जिस कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाते हैं उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहा जाता है। दुनिया को यह कैंलेंडर अक्टूबर 1582 में मिला था। इसके पहले रोमन कैलेंडर के अनुसार वर्ष और तारीख देखी जाती थी। इसके पीछे एक रोचक कहानी है। रोम के राजा नूमा पोंपिलुस के वार्षिक कैलेंडर में 12 की जगह 10 महीने होते थे। उस समय साल में 310 दिन और हफ्ता 8 दिन होते थे। इस कैलेंडर की सबसे खास बात यह थी कि, इसमें नया साल मार्च महीने से शुरू होता था। हालांकि बाद में नूमा पोंपिलुस ने ही नए साल की शुरुआत मार्च की जगह जनवरी से कर दिया था। इतिहास के अनुसार, मार्च माह का नाम रोमन देवता मार्स के नाम पर रखा गया था। इन्‍हें युद्ध का देवता कहा जाता है। नूमा चाहते थे कि साल की शुरूआम युद्ध के देवता के नाम पर होने से पूरे साल युद्ध में रहना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने साल की शुरूआत जनवरी माह से कर दिया। हालांकि, तभ भी साल में 10 माह ही होते थे।

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जूलियन सीजर ने बनाया 12 महीने वाला कैलेंडर

अभी उपयोग होने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर को बनाने का श्रेय करीब 46 ईसा पूर्व रोमन सम्राट जूलियस सीजर को जाता है। इतिहास के अनुसार, सीजर को खगोलविदों ने बताया कि, सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी को 365 दिन और छह घंटे का समय लगता है। जिसके बाद उन्होने नई गणना कराया और उसके अनुसार नया कैलेंडर बनवाया। इसमें 310 दिनों को 365 दिनों में विभाजित कर 12 महीने का वर्ष घोषित किया। साल का 7वां महीना यानी जुलाई माह जूलियस सीजर को समर्पित है। हालांकि इसके बाद फिर एक नया कैलेंडर आया जोकि सूर्य की परिक्रमा के आधर पर ही है। इसे रोमन चर्च के पोप ग्रेगोरी ने अक्टूबर 1582 में बनाया। इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर नाम दिया गया। आज हम इसी के अनुसार तारीख और माह देखते हैं।

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