Nirjala Ekadashi 2023 Date, Puja Muhurat: जानें कब है निर्जला एकादशी और क्या है पूजा मुहूर्त- इन कड़े नियमों से रखें व्रत

Nirjala Ekadashi 2023 Date, Time, Puja Muhurat (निर्जला एकादशी कब है 2023): ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। निर्जला एकादशी को सभी एकादशी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हालांकि इस व्रत के नियम बहुत कड़े होते हैं। यहां जानें निर्जला एकादशी व्रत 2023 में कब है, क्या निर्जला एकादशी व्रत में पानी पी सकते हैं और निर्जला एकादशी व्रत कैसे रखा जाता है।

Nirjala Ekadashi 2023 Date, Puja Muhurat

Nirjala Ekadashi 2023 Date, Puja Muhurat

Nirjala Ekadashi 2023 Date, Puja Muhurat: हिंदू कैलेंडर में एक साल में 24 एकादशी व्रत आते हैं और इन सभी में निर्जला एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है। निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर आता है। इस दिन श्रद्धालु श्री हरि की पूजा में लीन रहते हैं और पीले वस्त्र धारण करके दिन भर भजन व पूजा करते हैं। निर्जला एकादशी पर मां लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। माना जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से अन्य एकादशियों पर हुई भूल भी माफ हो जाती है।

Nirjala Ekadashi 2023 Date in India

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर निर्जला एकादशी व्रत रखते हैं। साल 2023 में निर्जला एकादशी व्रत 31 मई, बुधवार को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी की तिथि 30 मई, मंगलवार को दोपहर 01: 09 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 31 मई 2023, बुधवार को दोपहर -1:47 पर समाप्त होगी।

When is Nirjala Ekadashi in 2023

निर्जला एकादशी 2023 31 मई 2023, बुधवार
एकादशी तिथि प्रारंभ30 मई, मंगलवार को दोपहर 1:09 से
एकादशी तिथि का अंत31 मई 2023, दोपहर 1:47 पर
सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ31 मई, सुबह 05:24 बजे
सर्वार्थ सिद्धि योग समाप्त31 मई, सुबह 08:24 पर
निर्जला एकादशी 2023 व्रत के पारण का समय1 जून 2023, सुबह 5:23 पर
Nirjala Ekadashi 2023 Vrat paran Time

निर्जला एकादशी व्रत का पारण भी मुहूर्त देखकर किया जाता है। निर्जला एकादशी 2023 व्रत का पारण 1 जून को होगा। इसके लिए शुभ समय सुबह 05:23 के 8:09 बीच रहेगा। बता दें कि निर्जला एकादशी 2023 पर सुबह 05:24 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।

निर्जला एकादशी का अर्थ क्या है

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन निर्जला एकादशी का व्रत आता है। सभी एकादशियों में इस व्रत को सबसे ज्यादा पुण्यदायी माना गया है। इस दिन श्रद्धालुओं को बिना अन्न व जल ग्रहण किए व्रत रखना होता है। इस वजह से इस एकादशी के व्रत को निर्जला एकादशी कहा गया है।

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