Nirjala Ekadashi Aarti in Hindi: ॐ जय एकादशी माता.. निर्जला एकादशी की आरती हिंदी में, देखें एकादशी माता की आरती के लिरिक्स
Nirjala Ekadashi Ki Aarti Lyrics, Om Jai Ekadashi Mata Aarti In Hindi (एकादशी माता की आरती): सालभर में कुल 24 एकादशी आती हैं, जिसमें ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन निर्लजला व्रत कर विधि विधान से श्रीहरि भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। तथा भगवान विष्णु की आऱती व व्रत कथा का पाठ करने से धरती लोक पर समस्त सुखों को भोगने के बाद परम पुण्य, परम लोक और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Nirjala Ekadashi Ki Aarti Lyrics In Hindi: निर्जला एकादशी आरती लिरिक्स इन हिंदी
Nirjala Ekadashi Ki Aarti Lyrics, Om Jai Ekadashi Mata Aarti In Hindi: आज निर्जला एकादशी का व्रत है। सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है, इसे भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना (Nirjala Ekadashi Vrat Aarti) जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के कहते हैं। इस बार निर्जला एकादशी आज यानी 31 मई 2023, बुधवार को है। एकादशी तिथि 30 मई 2023, मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 09 मिनट से प्रारंभ होकर 31 मई, बुधवार को दोपहर 01:47 मिनट पर समाप्त होने जा रही है। व्रत का पारण कल यानी 1 जून को सुबह 05:23 से 8:09 पर किया जाएगा।
मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने व किसी गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को दान आदि करने से जाने अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति (Nirjala Ekadashi Aarti) मिलती है। साथ ही विधि विधान से श्रीहरि भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। लेकिन ध्यान रहे इस दिन बिना व्रत कथा व भगवान विष्णु की आरती के पूजा को संपूर्ण नहीं (Nirjala Ekadashi Ki Aarti) माना जाता है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की आरती व कथा का पाठ करने से धरती लोक पर समस्त सुखों को भोगने के बाद मनुष्य को वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है और भक्तों पर सदैव भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है।
Nirjala Ekadashi Vrat Aarti In Hindi: एकादशी माता की आरतीॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ जय...।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।। ॐ ।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ जय...।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ जय...।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ जय...।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ जय...।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ जय...।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ जय...।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ जय...।।
Nirjala Ekadashi Ki Aartiस्कंद पुराण में वर्णित एक श्लोक के अनुसार बिना श्रीहरि भगवान विष्णु की आरती व कथा के पाठ के पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता है। इस दिन एकादशी माता की आरती करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। घर परिवार के सदस्यों में आपसी मेल मिलाप बना रहता है व जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
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आदित्य सिंह author
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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