Nirjala Ekadashi 2023 Niyam: निर्जला एकादशी में क्या खा सकते हैं, इस व्रत में पानी कब पीना चाहिए, जानें नियम

Nirjala Ekadashi 2023 Niyam, Nirjala Ekadashi mein kya kha sakte hein: भगवान विष्‍णु को समर्पित निर्जला एकादशी व्रत हर साल ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को रखी जाती है। इस व्रत में कोई गलती न हो जाए इसलिए इसके नियम और विधि को जान लेना बेहद जरूरी है। तो चलिए निर्जला एकादशी व्रत के नियम और विधि जान लेते हैं।

Nirjala Ekadashi 2023 Niyam

Nirjala Ekadashi 2023 Niyam

Nirjala Ekadashi 2023 Niyam, Nirjala Ekadashi mein kya kha sakte hein: पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रखी जाती है। हिंदू धर्म में श्री हरी विष्णु को समर्पित निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ और कठोर मानी जाती है। इस व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक बिना पानी के निर्जला उपवास रखने का विधान है। शास्त्रों में व्रत खंडित न हो और पुण्य फल की प्राप्ति हो, इसके लिए कई नियम भी बताए गए हैं। कई बार लोग पूछते हैं कि निर्जला एकादशी में क्या खा सकते हैं, निर्जला एकादशी में पानी कब पीना चाहिए?, आज इन सवालों के जवाब जानेंगे। शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी के एक दिन पहले यानी दशमी से ही व्रत के नियम शुरू हो जाते हैं। तो चलिए निर्जला एकादशी व्रत की विधि और नियम को विस्तार से जानते हैं।

Nirjala Ekadashi Aarti Lyrics In Hindi: निर्जला एकादशी आरती

निर्जला एकादशी के नियम, Nirjala Ekadashi 2023 Ke Niyam In Hindi

  • निर्जला एकादशी के व्रत-उपवास में कुछ भी खाना वर्जित है।
  • इस व्रत को करने वालों को दशमी के दिन भी खाने में मांस, प्याज, लहसुन, मसूर की दाल आदि नहीं लेना चाहिए।
  • एकादशी के दिन किसी का अनादर या किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए।
  • निर्जला एकादशी के व्रत रखने वाले को रात्रि में भोग-विलास से दूर और पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दिन किसी भी वृक्ष से पत्ता तोड़ना वर्जित होता है।
  • इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें।
  • एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु हो सकती है।
  • इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए।
  • निर्जला एकादशी पर गीता पाठ जरूर करना चाहिए या फिर पुरोहितजी से गीता पाठ का श्रवण करें।
  • इस दिन समर्थ अनुसार वस्तुओं का दान कर सकते हैं।
  • वैष्णवों को निर्जला एकादशी हमेशा द्वादशी मिली हुई एकादशी का व्रत करना चाहिए।
  • इसके अलावा त्रयोदशी आने से पूर्व व्रत का पारण कर लेना चाहिए।
  • एकादशी करने वाले व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के बाद द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा अवश्य देना चाहिए।

निर्जला एकादशी में कब पीना चाहिए पानी

निर्जला एकादशी व्रत में जल ग्रहण करना पूरी तरह से वर्जित होता है। लेकिन कुल्ला या आमचन के लिए मुख में जल डाला जा सकता है। इसके अलावा पूरे दिन यानी एकादशी तिथि के सूर्योदय से लेकर द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक पानी नहीं पीना है। इस व्रत में भोजन और जल दोनों का त्याग किया जाता है। एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने या दान-दक्षिणा देने के बाद ही व्रत का पारण कर जल ग्रहण करना चाहिए।

निर्जला एकादशी का महत्व (Nirjala Ekadashi 2023 Significance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत को सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह सबसे कठोर और पुण्य फल देने वाला एक खास व्रत है। ऐसी मान्यता है कि अगर अगर आप 24 एकादशी व्रत नहीं रख सकते तो सिर्फ निर्जला एकादशी व्रत रखने मात्र से ही आपको चौबीसों एकादशी के समान फल मिलेगा। इस व्रत के प्रभाव से सारे पाप धुल जाते हैं। जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इतना ही नहीं, घर-परिवार में भी अनुकूलता बनी रहती है।

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