Nirjala Ekadashi Fast Rules: निर्जला एकादशी का व्रत कैसे रखें, जानें भीमसेनी एकादशी के नियम

Nirjala Ekadashi Fast Rules in Hindi (निर्जला एकादशी व्रत के नियम): भगवान विष्‍णु को समर्पित निर्जला एकादशी व्रत हर साल ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ और सबसे कठोर माना जाता है। इस व्रत में कोई गलती न हो जाए, इसलिए इसके नियम और विधि को जान लेना बेहद जरूरी है। तो जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत कैसे रखें और इसके रूल्स।

Nirjala Ekadashi Fast Rules in Hindi, How to do Nirjala Ekadashi fast

How to do Nirjala Ekadashi fast in hindi

Nirjala Ekadashi Fast Rules in Hindi (निर्जला एकादशी व्रत के नियम): पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रखी जाती है। इस साल यह व्रत 31 मई, बुधवार को पड़ी है। हिंदू धर्म में श्री हरी विष्णु को समर्पित निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ और कठोर मानी जाती है। इस व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक बिना पानी के निर्जला उपवास रखने का विधान है। शास्त्रों में व्रत खंडित न हो और पुण्य फल की प्राप्ति हो, इसके लिए कई नियम भी बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी के एक दिन पहले यानी दशमी से ही व्रत के नियम शुरू हो जाते हैं। तो चलिए निर्जला एकादशी व्रत की विधि और नियम को विस्तार से जानते हैं।

निर्जला एकादशी के नियम, Nirjala Ekadashi Ke Niyam In Hindi

  • निर्जला एकादशी के व्रत-उपवास करने वालों को दशमी के दिन भी खाने में मांस, प्याज, लहसुन, मसूर की दाल आदि नहीं लेना चाहिए।
  • एकादशी के दिन किसी का अनादर या किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए।
  • निर्जला एकादशी के व्रत रखने वाले को रात्रि में भोग-विलास से दूर और पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दिन किसी भी वृक्ष से पत्ता तोड़ना वर्जित होता है।
  • इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें।
  • एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु हो सकती है।
  • इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए।
  • निर्जला एकादशी पर गीता पाठ जरूर करना चाहिए या फिर पुरोहितजी से गीता पाठ का श्रवण करें।
  • इस दिन समर्थ अनुसार वस्तुओं का दान कर सकते हैं।
  • वैष्णवों को निर्जला एकादशी हमेशा द्वादशी मिली हुई एकादशी का व्रत करना चाहिए।
  • इसके अलावा त्रयोदशी आने से पूर्व व्रत का पारण कर लेना चाहिए।
  • एकादशी करने वाले व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के बाद द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा अवश्य देना चाहिए।

निर्जला एकादशी का व्रत कैसे करें

निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद पीले रंग के वस्‍त्र धारण करें। लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर विष्‍णु भगवान की प्रतिमा या तस्वीर स्‍थापित कर उन्हें पंचामृत से स्‍नान कराएं। फिर पीले फल, पीले फूल, पीले चावल और पीली मिष्‍ठान को लेकर विष्णु जी की पूजा करें।

इसके बाद एकादशी की व्रत कथा पढ़ें। व्रत कथा पढ़ने के बाद ओउम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। अंत में श्रीहरि की आरती करें और प्रसाद वितरण कर दें।

निर्जला एकादशी का महत्व (Nirjala Ekadashi 2023 Significance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत को सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह सबसे कठोर और पुण्य फल देने वाला एक खास व्रत है। ऐसी मान्यता है कि अगर अगर आप 24 एकादशी व्रत नहीं रख सकते तो सिर्फ निर्जला एकादशी व्रत रखने मात्र से ही आपको चौबीसों एकादशी के समान फल मिलेगा। इस व्रत के प्रभाव से सारे पाप धुल जाते हैं। जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इतना ही नहीं, घर-परिवार में भी अनुकूलता बनी रहती है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited