Nirjala Ekadashi Me Pani Kab Piye: निर्जला एकादशी में पानी कब पीना चाहिए, जानिए इस व्रत की पारण विधि और समय

Nirjala Ekadashi Me Pani Kab Piye: निर्जला एकादशी व्रत निर्जला रखा जाता है यानी कि इस व्रत में पानी नहीं पिया जाता है। यहां आप जानेंगे निर्जला एकादशी का पारण समय और पारण विधि क्या है और इस व्रत में पानी कब पीना चाहिए।

Nirjala Ekadashi Me Pani Kab Piye

Nirjala Ekadashi Me Pani Kab Piye

Nirjala Ekadashi Me Pani Kab Piye (निर्जला एकादशी में पानी कब पीना चाहिए): सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठोर और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत में एकादशी के सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक पानी की एक बूंद नहीं ग्रहण की जाती। भीषण ग्रमी में बिना पानी के रहना सही में एक कठोर तपस्या है। कहा जाता है कि पांडव पुत्र भीमसेन ने ये व्रत किया था। इस एक व्रत को करने से उन्हें साल में आने वाली संपूर्ण एकादशी का फल एक साथ प्राप्त हो गया है। तभी निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी या पांडव एकादशी भी कहते हैं। कहते हैं जो कोई इस व्रत को विधि विधान रखता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत में पानी कब पिएं और इस व्रत की पारण विधि और पारण समय क्या है।

Nirjala Ekadashi Par Kya Daan kare

निर्जला एकादशी में पानी कब पिएं (Nirjala Ekadashi Me Pani Kab Piye)

निर्जला एकादशी व्रत में पानी द्वादशी के दिन पीना चाहिए। इस साल निर्जला एकादशी में पानी पीने 19 जून की सुबह 5 बजकर 24 मिनट के बाद पिया जाएगा। लेकिन जो लोग स्वास्थ्य कारणों की वजह से बिना पानी के नहीं रह सकते हैं वो एकादशी के दिन पानी पी सकते हैं। तो वहीं कुछ लोग शाम की पूजा के समय भी पानी पी लेते हैं।

निर्जला एकादशी का पारण कब है (Nirjala Ekadashi Ka Paran Kab Hai 2024)

निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 जून की सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 7 बजकर 28 मिनट के बीच किया जाएगा। पारण के लिए समय से उठ जाएं क्योंकि शुभ मुहूर्त में ही एकादशी व्रत खोलना ज्यादा शुभ माना जाता है।

निर्जला एकादशी व्रत पारण विधि (Nirjala Ekadashi Vrat Paran Vidhi)

निर्जला एकादशी व्रत का पारण करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर स्नान कर सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें। फिर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें। उन्हें भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें। फिर नींबू पानी पीकर व्रत खोल लें।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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