Nirjala Ekadashi Parana Time: क्या है निर्जला एकादशी पारण समय 2023 और पारण विधि, ये है जल ग्रहण करने का शुभ मुहूर्त
Nirjala Ekadashi 2023 Parana Time and Vidhi (निर्जला एकादशी व्रत का पारण समय, विधि): निर्जला एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ बिना अन्न-जल ग्रहण किए रखा जाता है। कहते हैं कि निर्जला व्रत के बाद दूसरे दिन शुभ मुहूर्त पर पारण करने से व्रत के संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है। यहां जानिए निर्जला एकादशी व्रत के पारण का सही समय और विधि। देखें निर्जला एकादशी व्रत कैसे खोलें।
निर्जला एकादशी व्रत का पारण समय, विधि
Nirjala Ekadashi 2023 Parana Time and Vidhi (निर्जला एकादशी व्रत का पारण समय, विधि): निर्जला एकादशी का पावन व्रत प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पड़ती है। निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना जाता है। इस एकादशी व्रत में जल ग्रहण करना वर्जित माना गया है।जो भी यह एकादशी व्रत करता है उसे जीवन में धन-वैभव, सम्मान और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त मिलता है।
इस वर्ष निर्जला एकादशी 31 मई को है। वहीं, इसका पारण 1 जून को है। कहते हैं। निर्जला एकादशी व्रत का पारण हमेशा शुभ योग में करना चाहिए। शुभ मुहूर्त में व्रत खोलने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। तो यहां जानिए पारण के लिए शुभ समय क्या है और किस विधि से यह करना सबसे अच्छा रहेगा।
Nirjala Ekadashi Parana Time 2023 Hindi, निर्जला एकादशी व्रत पारण समय
पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी इस बार आज यानी 31 मंई, 2023 को है। वहीं, इस व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानी 1 जून को किया जाएगा। निर्जला एकादशी व्रत के पारण का सबसे शुभ समय सुबह 05:24 से 08:10 बजे तक का है। इस बीच भगवान की पूजा के बाद व्रत खोलने से आपको वर्षभर के एकादशी व्रतों के समान फल प्राप्त होगा।
Nirjala Ekadashi Vrat Parana Vidhi
- निर्जला एकादशी का पारण द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में किया जाता है।
- पारण करने के लिए सबसे पहले द्वादशी तिथि पर सवेरे उठकर पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें।
- इसके बाद तांबे के लोटे में जल लेकर ऊं सूर्याय नम: मंत्र उच्चारण करते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की पीले फूल, फल, चंदन, हल्दी, गुलाल, रोली, अक्षत आदि से विधिवत पूजा करें।
- पूजा के बाद अपनी समर्थ के अनुसार वस्त्र, अनाज आदि का दान अवश्य करें।
- इसके बाद आप पानी पीकर अपने व्रत खोल सकते हैं। आप चाहें तो फल आदि खा सकते हैं।
- लेकिन, ध्यान रखें कि नमक और चावल से संबंधित चीजों से एकादशी व्रत कभी नहीं खोलना चाहिए।
निर्जला एकादशी व्रत पारण नियम
निर्जला एकादशी का व्रत हमेशा द्वादशी तिथि पर खोली जाती है। लेकिन इस दिन के पहली एक चौथी अवधि को हरि वासर कहा जाता है। और इस दौरान एकादशी व्रत का पारण करना अशुभ माना जाता है। इसलिए व्रत खोलने से पहले शुभ मुहूर्त को जरूरी जान लें और मुहूर्त में ही व्रत खोलें।
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