Nirjala Ekadashi Vrat Vidhi: निर्जला एकादशी का व्रत कैसे करें? अगर बिना पानी के नहीं रह सकते ये व्रत तब क्या करें

Nirjala Ekadashi Vrat Vidhi: निर्जला एकादशी एक कठोर व्रत है जो बिना जल के रखा जाता है। यानी इस व्रत में पूरे दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता। लेकिन इस एकादशी व्रत का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। चलिए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत की विधि क्या है।

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Nirjala Ekadashi Vrat Vidhi In Hindi

Nirjala Ekadashi Vrat Vidhi (निर्जला एकादशी व्रत विधि): यूं तो निर्जला एकादशी व्रत बिना जल के रखा जाता है लेकिन जिन लोगों का स्वास्थ्य सही नहीं है वो इस व्रत को जल पीकर भी रख सकते हैं। लेकिन जिन लोगों को कोई भी शारीरिक कष्ट नहीं है उन्हें ये व्रत बिना जल के ही रखना चाहिए। महर्षि वेद व्यास जी अनुसार जो निर्जला एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से रखता है उस व्यक्ति को साल में आने वाली सभी एकादशी का फल एक साथ प्राप्त हो जाता है। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ खास नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी माना गया है। चलिए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत की विधि क्या है।

निर्जला एकादशी व्रत विधि (Nirjala Ekadashi Vrat Vidhi In Hindi)

  • इस एकादशी व्रत में अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। ।
  • ये व्रत सूर्योदय से लेकर अगले दिन यानी द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक रखा जाता है।
  • इस व्रत में सुबह और शाम विधि विधान भगवान विष्णु की अराधना करनी चाहिए।
  • संभव हो तो रात्रि जागरण करें।
  • इसके अलावा इस दिन जल से भरे पात्र का दान जरूर करें। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • यदि आप निर्जला एकादशी व्रत रहना चाहते हैं लेकिन आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तब आपको उपवास पानी पीकर रहना चाहिए।
  • स्वास्थ्य खराब होने की वजह से अगर जल पर रहना भी संभव न हो तो आप इस दौरान फल खाकर भी व्रत रह सकते हैं।
  • इस व्रत में दिन में सोने से बचना चाहिए।
  • अगले दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराकर और दान करके ही व्रत खोलना चाहिए।
  • एकादशी व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।

निर्जला एकादशी दान (Nirjala Ekadashi Daan)

निर्जला एकादशी के दिन अनाज, जल, कपड़े, जूते, छतरी, पंखी और अन्य पेय वस्तुओं आदि का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दौरान गर्मी बहुत भीषण होती है इसलिए जरूरतमंदों को ऐसी चीजें ही दान करनी चाहिए जिससे आपको राहत मिल सके।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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