November Vivah Muhurat 2024: देव उठनी एकादशी के बाद नवंबर के महीने में कब- कब बजेगी शहनाई, यहां नोट करें शादी के सारे शुभ मुहूर्त

November Vivah Muhurat 2024: हिंदू धर्म में शादी- विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुभ तिथि और मुहूर्त को देखकर ही किये जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं नवंबर के महीने में शादी का शुभ मुहूर्त कब- कब होगा।

November Vivah Muhurat 2024

November Vivah Muhurat 2024: इस साल देव उत्थान एकादशी के बाद से सारे मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाएगी। साल 2024 में देव उठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन के बाद से सारे शुभ काम की शुरुआत हो जाएगी। सनातन धर्म में विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त के बिना विवाह जैसा शुभ काम नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किया गए काम परिणाम भी शुभ ही होता है, इसलिए विवाह के लिए शुभ मुहूर्त को देखना बहुत ही जरूरी होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार देवश्यनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु चार महीने के योग निद्रा में चले जाते हैं। इस समय में कोई भी शुभ काम नहीं किये जाते हैं। वहीं कार्तिक महीने की देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और शुभ काम की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में आइए जानें नवंबर महीने के विवाह के शुभ मुहूर्त के बारे में।

November Vivah Muhurat 2024 (नवंबर विवाह मुहूर्त डेट 2024)

तिथि नक्षत्र विवाह का शुभ समय
नवंबर 13, 2024त्रयोदशी और रेवतीदोपहर 03:26 से रात्रि 09:48 तक
नवंबर 16, 2024द्वितीया और रोहिणी प्रातः 11:48 से अगले दिन 06:47 तक
नवंबर 17, 2024द्वितीया, तृतीया और रोहिणी, मृगशिराप्रातः 06:47 से अगले दिन प्रातः 06:4 तक
नवंबर 18 , 2024तृतीया और मृगशिराप्रातः 06:48 से प्रातः 07:56 तक
नवंबर 22 , 2024अष्टमी और मघारात्रि 11:44 से अगले दिन प्रातः 06:51 तक
नवंबर 23, 2024अष्टमी और मघा प्रातः 06:51 से प्रातः 11:42 तक
नवंबर 25, 2024 एकादशी और हस्त रात्रि 01:01 से अगले दिन प्रातः 06:53 तक
नवंबर 26, 2024एकादशी और हस्त प्रातः 06:53 से अगले दिन प्रातः 04:35 तक
नवंबर 28, 2024त्रयोदशी और स्वाती प्रातः 07:36 से अगले दिन प्रातः 06:54 तक
नवंबर 29 , 2024त्रयोदशी और स्वाती प्रातः 06:54 से अगले दिन प्रातः 08:39 तक
चातुर्मास में क्यों नहीं होते शुभ कामधार्मिक मान्यता के अनुसार चातुर्मास के समय में जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान संसार का संचालन भगवान शिव के हाथो में होता है। भगवान विष्णु के योग निद्रा में जानें के कारण चार महीने तक कोई भी शुभ काम नहीं किये जाता हैं। कार्तिक महीने की देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। उसके बाद सारे मांगलिक काम की शुरुआत हो जाती है।

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