October Pradosh Vrat Dates 2023: अक्टूबर में पड़ेंगे दो प्रदोष व्रत, जान लें सही डेट और महत्व

October Pradosh Vrat Dates 2023: हर महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष का व्रत करने से साधक की हर मनोकामना की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं अक्टूबर महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के बारे में। जानें सही तिथि और महत्व।

October Pradosh Vrat Dates 2023

October Pradosh Vrat Dates 2023: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन प्रदोष काल में पूजा का विधान है। त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में पूजा करना और भी शुभ फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही संतान के सभी कष्ट दूर होते हैं। हर दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अपना एक महत्व होता है। जैसे गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष कहते हैं। इसका व्रत करने से शत्रु पर विजय प्राप्त की जा सकती है। प्रदोष का व्रत करने से साधक के सारे कष्ट मिट जाते हैं। आइए जानते हैं अक्टूबर महीने में पड़ने वाले प्रदोष तिथि के बारे में।

अक्टूबर माह प्रदोष व्रत तिथि11 अक्टूबर 2023 को अक्टूबर महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत होगा। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जा रहा है।

26 अक्टूबर 2023 को इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत होगा। ये व्रत गुरुवार के दिन पड़ेगा। इस कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत करते समय सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए ।
  • भगवान शिव की पूजा करने के लिए मंदिर में बेलपत्र, अक्षत, दीपक, धूप, गंगाजल आदि से पूजा करें।
  • पूजा के बाद व्रत करने का निर्णय लें और व्रत करने की इच्छा मन में रखें।
  • प्रदोष व्रत करने वालों को कुछ भी नहीं खाना चाहिए। एक दिन के उपवास के बाद सूर्यास्त से पहले दोबारा स्नान करें और सफेद कपड़े पहनें।
  • मंदिर में साफ पानी या गंगाजल छिड़कें और गाय के गोबर से मंडप बनाएं।
  • इसके बाद भगवान शिव को जल चढ़ाएं और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
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