Onam 2025 Date: साल 2025 में ओणम कब है? यहां जानिए तिथि और महत्व

Onam 2025 Date: ओणम का त्योहार दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहार में से एक है। ये त्योहार दस दिनों तक चलता है। दसवें दिन इस पर्व का समापन होता है। आइए जानें साल 2025 में ओणम का त्योहार कब है।

Onam 2025 Date

Onam 2025 Date: ओणम का पर्व दक्षिण भारत में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ये त्योहार खासौतर केरल में मनाया जाता है। ओणम का त्योहार 10 दिनों तक चलता है। ओणम पर्व के दौरान अलग- अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हैं। ये पर्व बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जाता है। ओणम के दसवें दिन को थिरुवोणम के नाम से जाना जाता है। इस दिन मलयालम में श्रावन नक्षत्र होता है। इस पर्व के समय में नाच- गायन और प्रीति भोज कराने का विधान है। इस त्योहार के दिन राजा मावेली की घर वापसी के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। आइए जानें साल 2025 में ओणम कब है और इसके शुभ मुहूर्त के बारे में।

Onam 2025 Date (साल 2025 में ओणम कब है)मलयालम पंचांग के अनुसार ओणम का त्योहार हर साल चिंगम महीने में मनाया जाता है। ये महीना मलयालम का पहला महीना होता है। साल 2025 में थिरुवोणम नक्षत्र की शुरुआत 4 सितंबर 2025 को रात 11 बजकर 44 मिनट पर होगा और इसका समापन 5 सितंबर 2025 को रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में ओणम का त्योहार 5 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा।

Onam 2025 Puja Vidhi (ओणम पूजा विधि)

  • ओणम के दिन सुबह नहाने के बाद साफ वस्त्र पहनना चाहिए।
  • उसके बाद इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करें।
  • ये त्योहार दस दिनों तक चलता है, इस समय राजा बलि और वामन भगवान की पूजा करें।
  • इस दिन घर की महिलाएं पूर्व दिशा में रंगोली बनाती हैं।
  • जहां पर ओणम की पूजा होती है, उस स्थान को फूलों से सजाया जाता है।
  • पूजा के समय में खास मंत्रों का उच्चारण करें और भोग बनाकर सब में बांटे।

Onam Puja Samagri (ओणम पूजा सामग्री)

  • घी का दीपक
  • शुद्ध जल
  • दूध
  • दीप
  • अक्षत
  • हल्दी
  • कुमकुम
  • चावल
  • कच्चा नारियल
Onam Puja Mahatav (ओणम पूजा महत्व)

दक्षिण भारत में ओणम पूजा का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि ओणम पर्व के दौरान राजा बलि धरती लोक पर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि थिरुवोणम के दिन ही भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। इस समय में केरल में चार दिन का अवकाश होता है। ये पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ओणम का दूसरा दिन थिरुवोणम के नाम से जाना जाता है। ये पर्व सारे समुदाय के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं। इसके साथ ही ये त्योहार फसल की कटाई के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।

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