Rudraksha: मन की शांति के लिए जिसे रुद्राक्ष समझ पहन रहे हैं, वो भद्राक्ष तो नहीं! ऐसे पहचानें
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। बहुत कम लोग होते हैं जिन्होंने ‘भद्राक्ष’ के विषय में सुना होता है। भद्राक्ष भी दिखने में रुद्राक्ष की तरह होता है, लेकिन दोनों में कुछ असमानताएं होती हैं। इसलिए जानना जरूरी है कि भद्राक्ष और रुद्राक्ष में अंतर कैसे करें।
जानें रुद्राक्ष और भद्राक्ष में अंतर
मुख्य बातें
- रुद्राक्ष गोलकार और भद्राक्ष अंडाकार होता है
- भद्राक्ष निम्न कोटि व रुद्राक्ष का अन्य रूप होता है
- पानी में डालते ही हो जाती है असली रुद्राक्ष की पहचान
Difference between Rudraksha and Bhadraksh: सनातन हिंदू धर्म के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिवजी को अतिप्रिय है। धार्मिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से मानी जाती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष को मन की शांति, हृदय संबंधित बीमारी और तनाव दूर करने लिए धारण करने की सलाह दी जाती है। पूजा में मंत्रों का जाप करने के लिए भी रुद्राक्ष की माला महत्वपूर्ण होती है। लेकिन इन सभी चीजों का लाभ तभी प्राप्त होता है, जब आप असली रुद्राक्ष का उपयोग करते हैं। आजकल बाजारों में नकली रुद्राक्ष की बिक्री भी खूब हो रही है।
लेकिन हम बात कर रहें है भद्राक्ष के बारे में जोकि रुद्राक्ष की निम्न कोटि का होता है। इसे रुद्राक्ष का ही अन्य रूप माना जाता है। रुद्राक्ष और भद्राक्ष में कुछ चीजों का अंतर होता है जिसे जानकर आप असली रुद्राक्ष और भद्राक्ष में आसानी से पहचान कर सकते हैं।
ऐसे करें रुद्राक्ष और भद्राक्ष की पहचान- भद्राक्ष, रुद्राक्ष की तरह चमकदार नहीं होता। साथ ही इसकी गुणवत्ता भी रुद्राक्ष से कम होती है।
- भद्राक्ष अंडाकार होता है तो रुद्राक्ष गोलाकार होता है। साथ ही रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से छेद होता है।
- रुद्राक्ष की तुलना में भद्राक्ष का वजन हल्का होता है।
- भद्राक्ष थोड़ा पतला और कम उभरा हुआ होता है। वहीं रुद्राक्ष की आकृति उभरी हुई होती है।
- रुद्राक्ष और भद्राक्ष में अंतर की पहचान करने का सबसे सरल तरीका है कि आप इसे हल्के गुनगुने पानी को में डाल दें। गर्म पानी में डालने से पानी के रंग में यदि बदलाव आता है तो यह भद्राक्ष है।
- पानी की अन्य विधि से भी रुद्राक्ष और भद्राक्ष में अंतर को पहचाना जा सकता है। रुद्राक्ष को पानी में डालते ही वह डूब जाता है। लेकिन भद्राक्ष धीरे-धीरे पानी में डूबता है।
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रुद्राक्ष की ये प्रजातियां भी होती हैं नकली
वैसे तो मुख्य रूप से एक मुखी से लेकर 13 मुखी रुद्राक्ष होते हैं। लेकिन भारत में रुद्राक्ष की 33 प्रजातियां पाई जाती हैं। तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से अधिक वाले रुद्राक्ष अधिकांशतः नकली होते हैं। वहीं चार मुखी, पांच मुखी और छह मुखी रुद्राक्ष ज्यादातर असली रुद्राक्ष होते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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