Panchang 26 June 2024: आषाढ़ महीने की पंचमी तिथि के दिन क्या होगा अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल का समय, यहां पढ़ें पूरा पंचांग

Panchang 26 June 2024: आषाढ़ महीने की खष्ठी तिथि की शुरुआत आज के दिन रात के 9 बजे के बाद होगी। इस दिन दोपहर के 1 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहने वाला है। आइए जानें पूरे दिन का पंचांग।

Panchang 26 June 2024

Panchang 26 June 2024

Panchang 26 June 2024: आषाढ़ महीने की पंचमी तिथि के जिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर होगा। वहीं आज के दिन सूर्यास्त शाम के 7 बजकर 23 मिनट से होगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से लेकर 12 बजकर 41 मिनट पर होगा। आज के दिन संध्या पूजन के लिए शाम के 6 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम के 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। राहुकाल का समय दोपहर 12 बजे से 01:30 बजे तक रहने वाला है। अब पढ़ें आज का पूरा पंचांग।

nag Panchami 2024

Panchang 26 June 2024 (आज का पंचांग 26 जून 2024)संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081

माह-आषाढ़ ,कृष्ण पक्ष

तिथि- पंचमी09:01 pm फिर खष्ठी

व्रत-पंचमी व्रत

दिन-बुधवार

सूर्योदय-05:22am

सूर्यास्त-07:23pm

नक्षत्र- धनिष्ठा 01:07 pm तक पुनः शतभिषा

चन्द्र राशि- कुंभ स्वामी- शनि

सूर्य राशि- मिथुन ,स्वामी -बुध

करण-कौलव 10:05am तक फिर तैतिल

योग- विष्कुम्भ 06:15am तक तत्पश्चात प्रीति

शुभ मुहूर्त1अभिजीत-11:58am से 12:41 pm

2विजय मुहूर्त-02:23pm से 03:25 pm तक

3गोधुली मुहूर्त--06:45 pm से 07:08 pm तक

4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:10am से 05:08am तक

5अमृत काल-06:08am से 07;58am तक

6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:52 से 12:45 तक रात्रि

संध्या पूजन-06:50pm से 07;49pm तक

दिशा शूल -उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्तराहुकाल -दोपहर 12 बजे से 01:30 बजे तक

क्या करें-श्री गणेश जी के निमित्त बुधवार का व्रत रहें। शिव पूजा भी करें। शिवलिंग को गंगाजल व बेलपत्र अर्पित करें व उनकी उपासना करें। पंचमी है।मन्दिर में भगवान शिव जी का दर्शन करें,आज व्रत बहुत ही फलदायी है। धार्मिक पुस्तकों सहित तिल व जल के दान का बहुत महत्व है। उपवास फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा।मन्दिर में शिवलिंग को कुशोदक अर्पित करें। गणेश जी के नाम का निरन्तर मानसिक जप करते रहें। धार्मिक सतसंग करें।किसी भी शिव मंदिर परिसर में आम,बेल व पीपल का पेड़ लगाएं।आज जल व मिठाई दान का भी बहुत महत्व है। बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करें। मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं। गो माता को पालक खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। नीले वस्त्र का दान करें। शिव उपासना करें व राहु के बीज मंन्त्र का जप करें। स्वास्थ्य सुख में वृद्धि के लिए भैरो उपासना करें।

क्या न करें- -बुध वाणी का कारक ग्रह है।किसी को अप्रिय वाणी मत बोलें।

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सुजीत जी महाराज author

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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