Papankusha Ekadashi Vrat Katha 2024: पापांकुशा एकादशी पर करें इस कथा का पाठ, हर मनोकामना होगी पूरी

Papankusha Ekadashi Vrat Katha 2024: पापाकुंशा एकादशी का व्रत आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल ये व्रत आज रखा जा रहा है। यहां पढ़ें पापांकुशा एकादशी व्रत की कथा।

Papankusha Ekadashi

Papankusha Ekadashi

Papankusha Ekadashi Vrat Katha 2024: पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। पापांकुशा एकादशी का व्रत दो दिन रखा जाएगा। गृहस्थ लोग ये व्रत 13 अक्तूबर को वैष्णव 14 अक्तूबर को रखेंगे। पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मोक्ष का द्वार खुलता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद विधिवत तौर पर विष्णु जी उपासना करनी चाहिए। पूजा के समय इस एकादशी व्रत की कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है। आइए यहां पढ़ें पापांकुशा एकादशी व्रत की कथा।

Papankusha Ekadashi Vrat Katha (पापांकुशा एकादशी व्रत कथा)

पौराणिक कथा के अनुसार विंध्याचल पर्वत पर एक क्रोधन नाम का बहेलिया रहता था। वह बहेलिया बहुत ही क्रूर था। उसने अपना सारा जीवन लूटपाट और हिंसा करने में
गुजार दिया। एक दिन उसको जंगल में तपस्या करते हुए अंगिरा ऋषि मिले। उसने अंगिरा ऋषि से कहा मेरा कर्म बहेलिया का है, इसलिए मैंने ना जानें कितने पशु पक्षी को मारा है। मैंने अपने पूरे जीवन में बहुत पाप किया है। इस कारण मुझे नरक की प्राप्ति होगी। दया करके आप मुझे कुछ ऐसा उपाय बताएं। जिसको करने से मेरे सारे पाप कट जाएं और मुझे मोक्ष की प्राप्ति हो। बहेलिया की बात सुनने के बाद महर्षि अंगिरा ने उसे आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी व्रत करने की सलाह दी। महर्षि के कहे अनुसार उस बहेलिया ने पापांकुशा एकादशी का व्रत किया और विधिपूर्वक विष्णु जी की पूजा की। इस एकादशी व्रत के तप से बहेलिया के सारे पाप नष् हो गए । जिब यमदूत बहेलिया को लेने के लिए आए तो इस चमत्कार को देखकर हैरान हो गए। ये सब देखकर यमदूत को खाली हाथ लौटना पड़ा और भगवान विष्णु की कृपा से बहेलिया को बैंकुठ धाम की प्राप्ति हुई।
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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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