Parthiv Shivling Puja Vidhi: घर पर कैसे बनाएं पार्थिव शिवलिंग, जानें पूजा विधि, नियम और महत्व

Parthiv Shivling Puja Vidhi: सनातन धर्म में पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष विधान है। मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग की विधिवत पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण होता है तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यहां आप पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि जान सकते हैं।

Parthiv Shivling Puja Vidhi

Parthiv Shivling Puja Vidhi: यहां जानें पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि व महत्व

Parthiv Shivling Puja Vidhi: आज यानी 15 जुलाई को सावन मास की शिवरात्रि का पर्व है। यह दिन आदिदेव महादेव को (Parthiv Shivling Puja) समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पर्व मनाया (Parthiv Shivling Ki Puja Vidhi) जाता है। इस बार शिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई को देर रात 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट है। वहीं जलाभिषेक का शुभ समय सुबह 08 बजकर 32 मिनट से 10:08 मिनट है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ के पार्थिव शिवलिंग की विधिवत पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है।

ध्यान रहे सावन मास की शिवरात्रि के अवसर पर बिना पार्थिव शिवलिंग की पूजा के भोलेनाथ की पूजा को अधूरा माना जाता है। शिव पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार शिवलिंग की पूजा करने से शिवसाधक के जीवन से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है और महादेव का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है। महापुराण में वर्णित एक श्लोक के अनुसार पार्थिव शिवलिंग के पूजा करने से घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं होती। ऐसे में यहां आप पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि व महत्व जान सकते हैं।

Parthiv Shivling Puja Vidhi: पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधिशिव पुराण की मानें तो शिवरात्रि के अवसर पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लिए पवित्र नदी या तट की मिट्टी से शिवलिंग बनाना चाहिए। इसमें गंगाजल, पंचामृत, गाय का गोबर, भस्म आदि मिलाएं। इसके बाद भोलेनाथ के मंत्रों को जप करते हुए शिवलिंग बनाएं। ध्यान रहे शिवलिंग की ऊंचाई 12 अंगुल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही उत्तर दिशा में मुंह करके भोलेनाथ की पूजा अर्चना करें। मान्यता है कि, पार्थिव शिवलिंग की पूजा से भोलेनाथ के भक्तों के कष्टों का निवारण होता है तथा धरती लोक पर समस्त सुखों को भोगने के बाद मनुष्य को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Parthiv Shivling Abhishek: पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्वपार्थिव शिवलिंग की पूजा अत्यंत शुभ और कल्याणकारी मानी जाती है। मान्यता है कि, पार्थिव शिवलिंग की पूजा भगवान राम के काल से की जा रही है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए समुद्र तट पर पार्थिव शिवलिंग बनाकर इसकी पूजा अर्चना की थी। इस दिन से इस शिवलिंग की पूजा विधान है।

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