Parthiv shivling puja vidhi: घर पर इस तरह के करें पार्थिव शिवलिंग की पूजा, यहां जानिए पूरी विधि

Parthiv shivling puja vidhi: सावन के महीने में घर में बहुत सारे लोग पार्थिव शिवलिंग बनाते हैं और उनकी विधिवत पूजा करते हैं। पार्थिव शिवलिंग की पूजा का खास महत्व है। आइए जानते हैं इसको कैसे बनाए और इसकी पूजा विधि के बारे में।

Parthiv shivling puja vidhi

Parthiv shivling puja vidhi: सावन मास की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में सब अपने- अपने तरीके से शिव की भक्ति करते हैं और उनकी पूजा- अर्चना करते हैं। सावन के मास में घर में पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने का भी विधान है। शिव पुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधिपूर्वक करने से साधक की सारी इच्छा पूर्ति होती है और सारे कष्ट भी दूर होते हैं। ऐसी मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से साधक को अकाल मृत्यु की भय से भी मुक्ति मिलती है। इस शिवलिंग की पूजा घर पर ही मिट्टी के द्वारा बनाकर स्त्री और पुरुष दोनों के द्वारा किया जा सकता है। शिव पुराण के अनुसार हर रोज पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से शिव भक्ति प्राप्त होती है और शिव लोक की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि के बारे में।

Parthiv shivling (पार्थिव शिवलिंग कैसे बनाएं)
  • पार्थिव शिवलिंग मिट्टी के द्वारा बनाया जाता है। इसके लिए मिट्टी किसी पवित्र नदी या तालाब में से लेकर बनाया जाता है।
  • मिट्टी में दूध मिलाएं और शिव मंत्र के साथ पार्थिव शिवलिंग बनाने की शुरुआत करें।
  • शिवलिंग उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके बनाना चाहिए।
  • पार्थिव शिवलिंग 12 अंगुल से ऊंचा नहीं बनाना चाहिए।
  • इस पर जो भी चढ़ाएं उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण ना करें।

Parthiv shivling puja vidhi (पार्थिव शिवलिंग पूजा विधि)
  • पार्थिव शिवलिंग की पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें।
  • उसके बाद किसी साफ बर्तन में शिवलिंग को रखें।
  • फिर पार्थिव शिवलिंग को जल और दूध से स्नान कराएं।
  • उसके बाद विधिवत पूजा करें और 16 बार 'बम' शब्द का उच्चारण करना चाहिए।
  • उसके बाद शिवलिंग पर अक्षत, फूल और बेलपत्र अर्पित करें।

किसने किया था पार्थिव पूजन की शुरुआतधार्मिक शास्त्र में पार्थिव पूजन का खास महत्व है। इस शिवलिंग की पूजा भगवान राम जी ने लंका पर युद्ध शुरू करने से पहले शुरू किया था। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव का पार्थिव पूजन कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने सबसे पहले शुरू किया था। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से समस्त परिवार का कल्याण होता है और साधक की सारी मनोकामना की पूर्ति होती है।

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