Parvati Kund: प्रधानमंत्री मोदी ने किये पार्वती कुंड के दर्शन, जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्व

Parvati Kund: भारत में अनेक मंदिर शिवालय वा कुंड देखने को मिल जाते हैं। भारत साधु संतो का देश है। यहां पर कई प्रकार के साधु सन्यासी और उनकी तपस्थली देखने को मिल जाती है। आइए जानते हैं ऐसे ही एक कुंड के बारे में जिसका नाम है पार्वती कुंड। यहां पढ़ें पार्वती कुंड का इतिहास।

Parvati Kund

Parvati Kund: भारत देश में अनेक तपोस्थली और कुंड स्थित हैं। उत्तारखंड को भारत की देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहीं पर माता पार्वती का एक कुंड है। जिसे पार्वती कुंड के नाम से जाना जाता है। पार्वती कुंड उत्तराखंड के पिथौरगढ़ जिले के ज्योलिंकांग गांव में स्थित है। प्रधनामंत्री मोदी अभी उत्तराखंड के दौरे पर हैं। उन्होंने भी इस पवित्र कुंड के दर्शन किये। यह कुंड आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बेहद ही महत्वपूर्ण कुंड माना जाता है। इस कुंड का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही खास महत्व है। आइए जानते हैं पार्वती कुंड के इतिहास के बारे में।

पार्वती कुंड इतिहास

पार्वती कुंड चीन की सीमा से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पर भक्त सेनाओं के देखरेख में ही दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती का मायका उत्तराखंड में ही था, तो जब भगवान शिव अपनी बारात लेकर इस जगह से गुजरे थे। इस कारण यहां कुंड का निर्माण किया गया। जिसका नाम पार्वती कुंड रखा गया। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त कैलाश की यात्रा पर जाते हैं वो सबसे पहले इस पार्वती कुंड के दर्शन करते हैं। इस कुंड के दर्शन करने से साधक की सारी इच्छा पूरी होती है और भगवान शिव की कृपा उन पर बरसती है।

पार्वती कुंड कहां है

पार्वती कुंड उत्तराखंड के कुमाऊं जिले की पहाड़ियों में लगभग 5338 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले पिथोरागढ़ जाना होगा और वहां से आप ट्रेन या बस ले सकते हैं। पार्वती कुंड पिथौरागढ़ से ज्यादा दूर नहीं है और यहां से बसें और टैक्सियां आसानी से पहुंच सकती हैं। आप कार या टैक्सी से भी पार्वती कुंड पहुंच सकते हैं।

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